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'मारी लात, कॉलर पकड़ खींचा...' राजस्थान के इस जिले में पटवारियों और पुलिस के बीच तीखी झड़प, जाने पूरा मामला

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अलवर में पुलिस और राजस्व कर्मचारियों के बीच चल रहे तनाव ने आंदोलन का रूप ले लिया है। आरोप है कि सोमवार (21 अप्रैल) को पुलिस ने पटवारी और कानूनगो की लात-घूंसों से पिटाई की। कॉलर पकड़कर खींचा। यह घटना सोमवार रात कठूमर के बहतुकला में चल रहे धौलागढ़ मेले में हुई। बहतुकला थाने की पुलिस ने राजस्व कर्मचारियों से बदसलूकी की। इसके विरोध में प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। बड़ी संख्या में कर्मचारी धरने पर बैठ गए हैं।

पुलिस पर माहौल बिगाड़ने का आरोप
पिटाई के बाद राजस्व कर्मचारियों ने मंगलवार को कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीना और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। पटवार संघ अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा- पुलिस ने जानबूझकर माहौल खराब किया। बहतुकला थाने के एसएचओ और पुलिसकर्मियों ने धौलागढ़ मेले में बदसलूकी की। विवाद मंदिर की सफाई नहीं होने से शुरू हुआ। फिर पुजारी नाराज हो गए। इसके बाद पटवारी और कानूनगो को प्रसाद चढ़ाने के लिए नियुक्त किया गया। इसके बाद नारेबाजी शुरू हो गई। इसके बाद पुलिस ने पटवारियों को जबरन वहां से हटा दिया।

थाना प्रभारी के सामने पटवारियों से मारपीट
पटवार संघ के अध्यक्ष मनोज कुमार मीना ने बताया कि मेला मजिस्ट्रेट भी वहां मौजूद थे। यह पूरी घटना थाना प्रभारी के सामने हुई। लेकिन उन्होंने जानबूझकर इस ओर ध्यान नहीं दिया। उनके सामने ही पटवारियों से मारपीट की गई।

मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीना से की गई शिकायत
अलवर के कठूमर के बहतुकला थाना पुलिस ने सोमवार रात को धौलागढ़ देवी मेले के दौरान पटवारी और कानूनगो के साथ लात-घूंसे से मारपीट की। उनका कॉलर पकड़कर खींचा। इस बदसलूकी का वीडियो भी सामने आया है। इसके बाद पटवारी, गिरदावर और अन्य स्टाफ मंगलवार को अलवर आए और कृषि मंत्री और जिला प्रभारी मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीना से मिले और मामले की शिकायत की। पटवारी, कानूनगो और तहसीलदार ने प्रभारी मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीना को ज्ञापन देकर पूरी घटना से अवगत कराया। इस ज्ञापन में बताया गया कि वे मंगलवार रात को मेले में ड्यूटी पर थे। उस समय एरिया मजिस्ट्रेट के निर्देशन में पटवारी और कानूनगो ड्यूटी पर थे। लेकिन अचानक पुलिस वहां पहुंची और पटवारियों पर लात-घूंसों से हमला किया। उसका कॉलर पकड़कर घसीटा।

'एक पटवारी के कपड़े तक फाड़ दिए'
पटवार संघ के अध्यक्ष मनोज कुमार ने बताया कि कर्मचारियों को घसीटकर पीटा गया और ले जाया गया। बाद में उन्हें पुलिस की जीप में बैठा दिया गया। जबकि उन्हें बार-बार समझाया गया कि वे पटवारी और कानूनगो हैं और कानून व्यवस्था बनाए रखने में लगे हैं। लेकिन पुलिस ने किसी की नहीं सुनी। पुलिस ने उनके साथ खूब अभद्रता की। उन्हें घसीटते हुए ले जाते समय एक पटवारी के कपड़े तक फाड़ दिए।

पेन डाउन स्ट्राइक की दी चेतावनी
संगठन के प्रतिनिधियों ने अलवर आकर साफ चेतावनी दी कि यदि आरोपी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त नहीं किया गया तो सभी पटवारी और गिरदावर अन्य कर्मचारियों के साथ पेन डाउन स्ट्राइक पर चले जाएंगे।

तहसीलदार ने कहा-एसएचओ ने उनकी नहीं सुनी

घटना के बारे में तहसीलदार मदन सिंह ने बताया कि वे एसएचओ से गुहार लगाते रहे। लेकिन उनकी नहीं सुनी गई। इससे पहले पुजारियों को मंदिर परिसर की सफाई करने को कहा गया था। लेकिन जब सफाई न करने पर उन्हें फटकार लगाई गई तो पुजारी वहां से चले गए। इसके बाद प्रबंधन के लिए पटवारी और गिरदावर को लगाना पड़ा। लेकिन बाद में पुलिस आई और पटवारी और गिरदावर से बदसलूकी की। एसएचओ को बताया गया, लेकिन उन्होंने नहीं सुनी। इसके बाद एसडीएम को मौके की स्थिति दिखाई गई। तब पुलिस ने पटवारी और कानूनगो को छोड़ा। एसएचओ बोले- जो भी हुआ गलत हुआ, लेकिन पुलिस ने उन्हें नहीं पीटा इस मामले में एसएचओ संजय शर्मा ने कहा कि पुलिस ने उन्हें नहीं पीटा। हालात ऐसे हो गए थे कि पटवारी और कानूनगो को पुलिस जीप में बैठाना पड़ा। दरअसल शाम को पुजारी और तहसीलदार के बीच विवाद हो गया था। इसके बाद पुजारी वहां से चले गए। इस बीच पटवारी को प्रसाद चढ़ाने के लिए कहा गया। लेकिन जब वह स्थिति को संभाल नहीं पाए तो मैंने उनसे पुजारी को वापस बुलाने को कहा। लेकिन वह नहीं माने और कुछ देर बाद नारेबाजी शुरू हो गई।

एसडीएम कार्यालय के बाहर धरना जारी

घटना के विरोध में पटवारी और तहसीलदारों ने मंगलवार को कठूमर तहसील कार्यालय में धरना भी दिया। सोमवार 21 अप्रैल की रात 10 बजे की घटना के बाद से पटवारी, कानूनगो और तहसीलदार हड़ताल पर हैं। एसडीएम कार्यालय के बाहर पटवारी और कानूनगो का धरना जारी है। बुधवार तक कार्रवाई नहीं होने पर 24 अप्रैल से जिले भर के पटवारी और कानूनगो अलवर कलेक्ट्रेट पर धरना देंगे।

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