टोंक जिले के बनेठा कस्बे में जेसीबी ठीक करने गए दो मैकेनिकों के साथ मारपीट की गई। आरोपियों ने उन्हें मरम्मत के पैसे नहीं दिए। उल्टे जब उन्होंने पैसे मांगे तो उन्हें जेसीबी से बांधकर पीटा। उनकी मोटरसाइकिल भी तोड़ दी। किसी तरह दोनों मैकेनिक देर रात टोंक पहुंचे। जहां वे रविवार शाम को दुकान मालिक के साथ बनेठा थाने पहुंचे और रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने शाम को दोनों का मेडिकल मुआयना करवाया। पीड़ित मैकेनिक सिद्धार्थ बैरवा पुत्र ताराचंद बैरवा निवासी अंबेडकर नगर टोंक और महेंद्र पुत्र महेश धोबी हैं। दोनों इजुसू गारमेंट फैक्ट्री के सामने देवली रोड पर इलेक्ट्रॉनिक वायरिंग रिपेयर की दुकान पर काम करते हैं। शनिवार सुबह बनेठा निवासी कान्हा माली ने दुकान मालिक अजहरुद्दीन को फोन कर बताया कि उसकी जेसीबी की वायरिंग में गड़बड़ी आ रही है और उसे ठीक कराना है। ऐसे में दुकानदार अजहरुद्दीन ने उसके साथ मजदूरी तय कर दी।
पहले पैसे देने में आनाकानी की
इसके बाद सिद्धार्थ और महेंद्र मोटरसाइकिल पर बनेठा के लिए रवाना हो गए। करीब डेढ़ घंटे बाद दोनों बनेठा पहुंचे तो वहां कान्हा मिल गया। इसके बाद उन्होंने रात 10 बजे तक उसकी जेसीबी की मरम्मत की। रात 10 बजे तक जेसीबी की मरम्मत हो गई तो दोनों मैकेनिकों ने मजदूरी मांगी। पहले तो कान्हा पैसे देने से मना करने लगा। बाद में उसने कहा कि वह अपने दोस्तों से पैसे मांगेगा।
बाद में जेसीबी से बांधकर पीटा
कुछ देर बाद बाइक पर तीन-चार लोग आए और सिद्धार्थ और महेंद्र को पकड़कर जेसीबी से बांध दिया। इसके बाद दोनों की पिटाई की। बाद में जब दोनों ने कहा कि उन्होंने पैसे नहीं मांगे तो उन्हें छोड़ दिया गया। इसके बाद देर रात वे टोंक पहुंचे। सुबह से ही डरे हुए थे तो आसपास के दुकानदारों ने कारण पूछा और बनेठा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने को कहा। इसके बाद थाने में रिपोर्ट दी गई।
बजरी खनन में होता है जेसीबी का उपयोग
घायल सिद्धार्थ और महेंद्र ने बताया कि आरोपी बजरी खनन के लिए जेसीबी का उपयोग करते हैं। ऐसे में वे देर रात तक जेसीबी को ठीक करने का दबाव बनाते रहे। गौरतलब है कि टोंक जिले में अवैध बजरी खनन पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।देवली-भांची गांव में डंपर की टक्कर से शुक्रवार रात एक व्यक्ति की मौत हो गई। इसके बावजूद न तो प्रशासन की टीम देवली-भांची व देवगंज गांव क्षेत्र से गुजर रही बनास नदी पर पहुंची और न ही खनिज विभाग कोई कार्रवाई कर रहा है। इसके चलते अवैध खनन व परिवहन पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।
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