राजस्थान के कोटा जिले में खाद्य सुरक्षा विभाग ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए उन कंपनियों और दुकानदारों पर शिकंजा कसा, जो ओआरएस (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्ट्स) के नाम पर भ्रामक फ्रूट ड्रिंक और पेय पदार्थ बेच रहे थे। जांच में सामने आया कि बाजार में बिक रहे कई पेय उत्पाद दिखने और नाम से ओआरएस जैसे हैं, लेकिन वास्तव में वे चिकित्सा मानकों पर खरे नहीं उतरते।
खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों को पिछले कुछ समय से शिकायतें मिल रही थीं कि शहर के खुदरा बाजारों में कुछ ब्रांड ‘ORS ड्रिंक’, ‘हेल्थ सॉल्ट’ या ‘एनर्जी रिफ्रेशर’ के नाम से पेय पदार्थ बेच रहे हैं। इन उत्पादों के पैकेट और लेबल पर ‘ORS’ शब्द और उससे मिलते-जुलते रंग संयोजन का इस्तेमाल किया गया था, जिससे उपभोक्ता इन्हें असली ओआरएस समझकर खरीद रहे थे।
इस पर फूड सेफ्टी ऑफिसर (एफएसओ) राकेश चौधरी के नेतृत्व में टीम ने अचानक छापेमारी की। कार्रवाई के दौरान टीम ने शहर के कई दुकानों, सुपरमार्केट्स और डिस्ट्रीब्यूशन पॉइंट्स की जांच की। टीम ने मौके से सैकड़ों पैकेट्स जब्त कर सीज किए और नमूने प्रयोगशाला भेजे गए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि इन नकली उत्पादों में ग्लूकोज, कृत्रिम फ्लेवर और रंगीन रसायन मिले हैं, जबकि असली ओआरएस में सिर्फ नमक और ग्लूकोज का संतुलित संयोजन होता है, जो शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट की कमी को पूरा करता है। ये नकली उत्पाद स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं, खासतौर पर बच्चों और बुजुर्गों के लिए।
एफएसओ चौधरी ने कहा, “कई कंपनियां मुनाफे के लालच में ओआरएस जैसा नाम और पैकिंग इस्तेमाल कर उपभोक्ताओं को गुमराह कर रही हैं। असली ओआरएस केवल चिकित्सा उपयोग के लिए होता है, जबकि ये ड्रिंक केवल फ्लेवर्ड वाटर हैं, जिनका हाइड्रेशन से कोई संबंध नहीं।”
विभाग ने चेतावनी दी है कि जिन उत्पादों में एफएसएसएआई (FSSAI) का वैध लाइसेंस नंबर नहीं है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उपभोक्ताओं से अपील की गई है कि वे किसी भी पेय पदार्थ को खरीदते समय लेबल, निर्माण कंपनी और एफएसएसएआई नंबर की जांच अवश्य करें।
इस कार्रवाई के बाद कोटा के बाजारों में हड़कंप मच गया है। कई दुकानदारों ने अपने स्टॉक से संदिग्ध उत्पाद हटाने शुरू कर दिए हैं। वहीं, स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भी लोगों को आगाह किया है कि गर्मी या डिहाइड्रेशन के समय केवल डब्ल्यूएचओ मानक वाला असली ओआरएस पाउडर ही इस्तेमाल करें।
खाद्य सुरक्षा विभाग ने साफ किया है कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा और पूरे संभाग में ऐसे भ्रामक उत्पादों पर नजर रखी जाएगी। विभाग ने कहा कि “जनस्वास्थ्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
इस कार्रवाई ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि कोटा प्रशासन सेहत के नाम पर हो रहे धोखे के खिलाफ सख्त रुख अपनाए हुए है, और आमजन को सुरक्षित एवं मानक उत्पाद उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
You may also like

बुरीˈ नजर से परेशान है घर? जानिए इसके 5 साफ़ संकेत और तुरन्त असरदार समाधान. Nazar Dosh Upay﹒

बॉडीˈ फिट और पेट अंदर चाहिए? तो रामदेव की तरह बदल डालिए ये 5 खाने की आदतें 59 में भी फौलाद बन जाएगा शरीर﹒

बीजेपी ने कांग्रेस अध्यक्ष खरगे की आरएसएस पर टिप्पणी की निंदा की

अंग्रेजीˈ में भारत को India क्यों कहा जाता है क्या आपने कभी सोचा है﹒

सिवनीः ग्राम नरेला में जुआ फड़ पर कोतवाली पुलिस की दबिश, 12 जुआरी गिरफ्तार




