शहर की जिला अदालत ने उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा को जान से मारने की धमकी देने वाले वसीम खान, मोहम्मद अशरफ और जुनैद को जमानत देने से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि जेल में रहते हुए किया गया यह अपराध सुरक्षा को चुनौती देने के समान है। इन आरोपियों को जमानत देने से जांच प्रभावित होने का खतरा है, इसलिए राहत नहीं दी जा सकती।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश (जयपुर महानगर-प्रथम) नंदिनी व्यास ने जमानत अर्जियां खारिज करते हुए यह आदेश दिए। अदालत ने कहा कि मामले में लगाए गए आरोप कानून व्यवस्था को चुनौती देने के साथ ही समाज को आतंकित करने वाले हैं। आरोपियों की ओर से जमानत अर्जी में कहा गया कि उन्होंने न तो पुलिस कंट्रोल रूम पर फोन कर धमकी दी और न ही उनके पास से कोई मोबाइल या सिम बरामद हुआ। आरोपी एक-दूसरे के संपर्क में भी नहीं थे।
ऐसे में कोई आपराधिक साजिश नहीं रची गई। याचिकाकर्ताओं ने जमानत पर रिहा करने का अनुरोध किया। लोक अभियोजक लियाकत अली ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि आरोपियों ने संगठित अपराध कर उपमुख्यमंत्री को जान से मारने की धमकी दी। जुनैद ने एक सिम कार्ड खरीदा और मोहम्मद अशरफ की मदद से उसे सेंट्रल जेल में पहुंचा दिया और इसका इस्तेमाल कर विक्रम सिंह ने जेल से धमकी भरा फोन किया।
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