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राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने शुरू की महिला कर्मचारियों की जांच, अनियमितता पाए जाने पर कार्रवाई का अल्टीमेटम

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राजस्थान में फर्जी डिग्रियों का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। पेपर लीक और डमी अभ्यर्थियों के जरिए नौकरी पाने के खुलासे के बाद अब राज्य में फर्जी प्रमाण पत्रों के जरिए नौकरी पाने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू हो गई है। कल धौलपुर में एक विधवा फर्जी महिला शिक्षिका का मामला सामने आया, जिसने 20 साल पहले फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए नौकरी हासिल की थी। लेकिन अब जब उसके प्रमाण पत्र की जांच की गई तो वह फर्जी निकला। ऐसे में 48 वर्षीय महिला शिक्षिका को गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं, अब राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (RSSB) फर्जी प्रमाण पत्र मामले में बड़ी कार्रवाई करने जा रहा है।

राजस्थान में पेपर लीक और डमी अभ्यर्थियों के बाद अब सरकार ने फर्जी तरीके से नौकरी पाने वाले अन्य कर्मचारियों की भी जांच शुरू कर दी है। इन दिनों फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्रों के जरिए नौकरी पाने वाले कर्मचारियों की जांच शुरू हो गई है। लेकिन अब सरकार ने फर्जी विधवा और तलाक प्रमाण पत्र के जरिए नौकरी पाने वाली महिला कर्मचारियों की भी जांच शुरू कर दी है।

महिला कर्मचारियों की सूची तैयार की जा रही है

झुंझुनू दौरे पर आए राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष मेजर जनरल आलोक राज ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने बताया है कि कर्मचारी चयन बोर्ड को ऐसी कई शिकायतें मिली हैं। जिसके बाद चयन बोर्ड, एसओजी के साथ मिलकर ऐसी महिला कर्मचारियों की सूची बना रहा है। जो अवैध तरीके से फर्जी विधवा और तलाक प्रमाण पत्र बनाकर नौकरी कर रही हैं। उन्होंने बताया कि इसके लिए अब यह निर्णय लिया गया है कि पहले परीक्षा परिणामों में केवल रोल नंबर दिए जाते थे। अब चयनित अभ्यर्थियों की पूरी जानकारी दी जाती है। ताकि हर व्यक्ति को पता रहे कि जिस भी अभ्यर्थी का चयन हुआ है। चाहे वह उसकी योग्यता के आधार पर हुआ हो या किसी प्रमाण पत्र के आधार पर। उन्होंने बताया कि पहले फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र से नौकरी पाने वाले कर्मचारियों की भी सूची बनाई गई थी। उनके खिलाफ कार्रवाई जारी है।

अभ्यर्थियों को मिल सकता है नजदीकी केंद्र

55 प्रतिशत तक दिव्यांग प्रमाण पत्र के साथ नौकरी पाने वाले कर्मचारियों की दोबारा हुई परीक्षा में 20 प्रतिशत तक दिव्यांगता पाई गई है। उन्होंने इस अवसर पर यह भी कहा कि हम ऐसा माहौल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। ताकि किसी भी तरह की अनियमितता की संभावना न रहे और हर अभ्यर्थी को न केवल जिले में बल्कि बेहद नजदीक में भी केंद्र मिल जाए।

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