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शिक्षा विभाग में पहले पदोन्नति की सौगात, अब पदस्थापन में दूरी और दर्द बढ़ा रही जटिलताएं

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शिक्षा विभाग में विभागीय पदोन्नति कई शिक्षकों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। ताजा मामला वरिष्ठ अध्यापक से व्याख्याता पद पर पदोन्नति का है। यहां विभाग ने शिक्षकों को पदोन्नति का तोहफा देते हुए पहले उन्हें अपने-अपने स्थान पर ज्वाइन करने की अनुमति दे दी। अब पदस्थापन प्रक्रिया में कई शिक्षकों को दूसरे जिलों यानी करीब 200 से 400 किमी दूर के विद्यालयों में भेज दिया गया। जबकि क्षेत्र के विद्यालयों में पद रिक्त हैं। अब शिक्षक पदोन्नति से भी हाथ नहीं धो पा रहे हैं। कई शिक्षकों को दूरदराज के जिलों में पदस्थापित कर पदोन्नति परेशानी का सबब बन गई है। सिरोही जिले में ऐसे एक-दो नहीं, बल्कि कई शिक्षक हैं। शिक्षकों का कहना है कि यहां पद रिक्त होने के बावजूद उन्हें बाहर भेजना उत्पीड़न है। इसे लेकर शिक्षक संगठनों में रोष है। उन्होंने दोबारा काउंसलिंग की मांग शुरू कर दी है।

प्रदेश में पिछले वर्ष दिसंबर माह में 10515 वरिष्ठ अध्यापकों को व्याख्याता पद पर पदोन्नत किया गया था। उस दौरान विभाग ने पूर्व की भांति उन्हीं विद्यालयों में ज्वाइन करने के निर्देश दिए थे। इस पर अधिकांश शिक्षकों ने पदोन्नति स्वीकार कर ली थी और नौकरी ज्वाइन कर ली थी। इसके बाद विभाग ने काउंसलिंग के बाद 12 अप्रैल को 9554 नव पदोन्नत व्याख्याताओं के पदस्थापन के आदेश जारी किए। अधिकांश स्कूलों में पद नहीं खुलने से करीब 3 से 4 हजार शिक्षकों को दूरदराज के स्कूल आवंटित हो गए हैं, जिससे कई शिक्षकों के जिले बदल गए हैं। ऐसे में उनके लिए पदोन्नति परेशानी का सबब बन गई।

जबकि जिस स्कूल में 500 से 1000 विद्यार्थी नामांकित हैं, वहां काउंसलिंग के समय ये पद नहीं खोले गए। यह आ रही समस्या पहले पदोन्नति मिलने पर कई कर्मचारी मनचाही जगह नहीं मिलने पर पदोन्नति छोड़ देते थे, लेकिन इस बार विभाग ने पदोन्नति के साथ ही कार्मिक को उसी जगह ज्वाइनिंग देने के आदेश दिए। ऐसे में कार्मिकों ने पदोन्नति स्वीकार कर ज्वाइन कर ली। बाद में काउंसलिंग में उन्हें दूरदराज के स्कूल आवंटित किए गए। अब उनके पास पदोन्नति छोड़ने का विकल्प नहीं है। शिक्षकों का कहना है कि काउंसलिंग में विभाग ने कई स्कूलों के रिक्त पदों को दर्शाया ही नहीं। जिसके कारण कार्मिकों को मनचाही जगह व अपने जिले की बजाय अन्य जिलों में स्कूल मिल गए हैं।

जिले में पद रिक्त, फिर भी बाहर ज्वाइनिंगकेस एक : राविवि दादावाड़ी शिवगंज के व्याख्याता राजेंद्र गहलोत को पदोन्नति के बाद राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय लंकाई बांसवाड़ा में ज्वाइनिंग दे दी गई है। जो करीब 500 किमी दूर है। जबकि जिले के स्कूलों में पद रिक्त हैं।केस दो : राविवि फलवाड़ी के व्याख्याता तरुण कुमार सागरवंशी को पदोन्नति पर राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय तवाव जिला जालौर में ज्वाइनिंग दे दी गई है। सागरवंशी को हृदय संबंधी समस्या होने के बावजूद सिरोही से बाहर ज्वाइनिंग दे दी गई।शिक्षक संगठनों में आक्रोश, दोबारा काउंसलिंग की मांग उठीशिक्षा विभाग ने प्रदेश में विभिन्न विषयों के व्याख्याताओं की पदोन्नति पर पदस्थापन आदेश जारी किए हैं। जिसमें अधिकतर व्याख्याताओं को जिले से 500 से 600 किमी दूर पोस्टिंग दी गई है, जो न्यायोचित नहीं है। क्योंकि जिस जिले में व्याख्याता पदस्थापित है, वहां रिक्त पद होने के बावजूद उसे ऐसे दुर्गम स्थान व जिले से बाहर भेजना पदोन्नति की बजाय उसके लिए उत्पीड़न है। ऐसे मामले में पोस्टिंग में संशोधन के लिए पुनः काउंसलिंग की जानी चाहिए।

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