प्रशासनिक अनुमति के बाद ही जालोर जाएंगे
जालोर से आई महिलाओं की अपील के बाद अभयदास ने भी अपना फैसला बदल दिया। उन्होंने तय किया है कि वे आज सुबह जालोर कलेक्टर कार्यालय जाकर अनुमति लेंगे, उसके बाद ही जालोर आएंगे। तखतगढ़ में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और स्थिति नियंत्रण में है। अभयदास महाराज ने समर्थकों के सामने आरोप लगाया, "मुझे जालोर के इतिहास की जानकारी नहीं थी। कुछ राजनेताओं ने मुझे गुमराह किया। मैं किसी का नाम नहीं लेना चाहता, लेकिन यह तय है कि राजनीतिक लाभ के लिए मुझे मोहरा बनाया गया।"
"जो नेता रोटियाँ सेंक रहे थे, वे आगे आएँ"
उन्होंने यह भी कहा कि जो नेता मुझे रोटियाँ सेंकने के लिए आगे बढ़ा रहे थे, वे अब आगे आएँ। वे किसी भी हालत में अपने कुलगुरु शांतिनाथ महाराज और गंगानाथ महाराज का अपमान नहीं करेंगे और न ही होने देंगे। उन्होंने कहा, "नाथजी का अखाड़ा मेरी साधना भूमि है, मैं इससे कभी मुँह नहीं मोड़ सकता। अगर मुख्यमंत्री बनना है, तो उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की तरह बनो, जिन्होंने अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई की। अगर राजस्थान में भी अवैध बस्तियाँ और अतिक्रमण हट जाएँ, तो जालोर की जनता खुश होगी।"
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