32 साल बाद जिले के भूमेंद्र सागर बांध में पानी का स्तर इतना बढ़ा कि यह चुड़ और अतिरिक्त पानी छोड़ने के कारण पानी छलकने लगा। यह दृश्य सपोटरा क्षेत्र में देखने को मिला और इलाके के निवासियों के लिए एक ऐतिहासिक और अद्भुत नजारा बन गया।
बांध में जलस्तर बढ़ने का कारण
पिछले कुछ दिनों से बारिश का सिलसिला जारी था, जिससे जलाशयों और बांधों में पानी का स्तर बढ़ गया। विशेष रूप से भूमेंद्र सागर बांध में पानी की आवक अधिक होने से बांध का गेट खुलने और अतिरिक्त जल बहने की स्थिति उत्पन्न हुई। इस बार बारिश में पानी का भराव इतना बढ़ा कि 32 वर्षों बाद बांध के गेट से पानी का बहाव हुआ, जिससे यह एक ऐतिहासिक दृश्य बन गया।
स्थानीय लोगों का उत्साह
इस ऐतिहासिक घटना को देखने के लिए सपोटरा और आसपास के क्षेत्रों के लोग बड़ी संख्या में पहुंचे। कुछ स्थानीय निवासी तो इस घटना के दौरान कैमरे में तस्वीरें खींचते हुए और वीडियो बनाते हुए भी नजर आए। भूमेंद्र सागर बांध का पानी छलकते देख लोग आश्चर्यचकित थे और उनके चेहरे पर खुशी और गर्व साफ दिख रहा था।
प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भरता
भूमेंद्र सागर बांध, जो सपोटरा क्षेत्र में स्थित है, कृषि और पानी के जलाशयों के लिए महत्वपूर्ण है। बांध में जल भराव होने से किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिलता है। ऐसे में बांध का भराव बढ़ना किसान समुदाय के लिए राहत का कारण बना है, और यह कृषि उत्पादन में वृद्धि की उम्मीद भी जता रहा है।
भविष्य के लिए उम्मीदें
इस ऐतिहासिक घटना के बाद, भूमेंद्र सागर बांध में पानी के स्तर में वृद्धि की संभावना है। इसके परिणामस्वरूप जलाशय का पानी आसपास के क्षेत्रों में सिंचाई के लिए उपलब्ध रहेगा और किसानों की चिंता कम होगी। साथ ही, यह दृश्य अन्य जलाशयों के पुनर्निर्माण और उन्नति के लिए प्रेरणा भी दे सकता है।
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