राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर में शुक्रवार सुबह उस समय हड़कंप मच गया जब कोर्ट प्रशासन को ई-मेल के ज़रिए बम से उड़ाने की धमकी मिली। धमकी भरे इस ई-मेल में तमिलनाडु सरकार और नाबालिगों से रेप के मामलों को लेकर नाराजगी जाहिर की गई है। मेल भेजने वाले ने तत्काल हाईकोर्ट बिल्डिंग को खाली कराने की चेतावनी दी, जिसके बाद प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से पूरे भवन को खाली करा दिया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन हरकत में आ गया। हाईकोर्ट परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया और न्यायाधीशों, अधिवक्ताओं एवं कर्मचारियों को तुरंत बिल्डिंग से बाहर निकाल लिया गया। कोर्ट परिसर को चारों ओर से घेरकर डॉग स्क्वॉड और बम डिस्पोज़ल टीम ने सघन जांच शुरू की।
डीसीपी राजर्षि राज ने बताया कि ई-मेल की सूचना मिलते ही पुलिस की कई टीमें मौके पर पहुंच गईं। बिल्डिंग में हर कमरे, गलियारे और पार्किंग क्षेत्र में तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। फिलहाल किसी संदिग्ध वस्तु के मिलने की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन जांच पूरी होने तक किसी को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, ई-मेल की सामग्री और भाषा के आधार पर यह साफ झलकता है कि आरोपी ने तमिलनाडु सरकार के प्रति असंतोष व्यक्त करते हुए धमकी दी है। इसमें लिखा गया है कि “अगर तुरंत कार्रवाई नहीं की गई तो जयपुर हाईकोर्ट को बम से उड़ा दिया जाएगा।” इस मेल में कई गंभीर बातें लिखी गई हैं, जिनकी साइबर सेल जांच कर रही है।
सूत्रों ने बताया कि धमकी भरा मेल हाईकोर्ट के आधिकारिक ई-मेल पते पर सुबह करीब 10 बजे प्राप्त हुआ। मेल मिलते ही रजिस्ट्रार जनरल ने इसकी जानकारी पुलिस को दी, जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया। कोर्ट परिसर से सभी कर्मचारियों, वकीलों और आम नागरिकों को बाहर निकालने के साथ ही मुख्य द्वार बंद कर दिया गया। इस बीच हाईकोर्ट के बाहर सैकड़ों की संख्या में लोग जमा हो गए। पुलिस ने भीड़ को दूर हटाने और व्यवस्था बनाए रखने के लिए बैरिकेडिंग की। जयपुर पुलिस आयुक्तालय के वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर पहुंचकर हालात का जायज़ा ले रहे हैं।
साइबर क्राइम यूनिट ने धमकी भरे ई-मेल की आईपी ट्रैकिंग शुरू कर दी है। जांच में यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि मेल किस लोकेशन या सर्वर से भेजा गया है और क्या यह किसी व्यक्ति, संगठन या समूह द्वारा सुनियोजित रूप से किया गया प्रयास है। फिलहाल हाईकोर्ट परिसर में तलाशी अभियान जारी है और सुरक्षा एजेंसियां हर कोने की बारीकी से जांच कर रही हैं। पुलिस ने कहा है कि जब तक पूरी तरह संतुष्टि नहीं मिलती, तब तक किसी को भी भवन में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। जयपुर में हुई इस घटना ने पूरे प्रदेश के न्यायिक परिसरों में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता बढ़ा दी है। प्रशासन ने अन्य न्यायालयों और सरकारी भवनों में भी सुरक्षा सतर्कता बढ़ाने के निर्देश जारी किए हैं।
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