राजस्थान पुलिस ने साइबर अपराधियों के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए डीग जिले में चल रहे ठगी नेटवर्क की कमर तोड़ दी है। आईजी कैलाशचंद्र बिश्नोई और एसपी ओमप्रकाश मीणा के निर्देशन में थाना गोपालगढ़ क्षेत्र के गांव हेवतका और नावदा में एक साथ दी गई दबिश के दौरान पुलिस ने कई संदिग्धों को हिरासत में लिया है और भारी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए हैं।
इस कार्रवाई ने न केवल जिले में बल्कि पूरे राज्य में सनसनी फैला दी है, क्योंकि लंबे समय से यह क्षेत्र साइबर ठगी के गढ़ के रूप में बदनाम था। पुलिस को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि इन गांवों से देशभर में लोगों को ऑनलाइन ठगने का काम किया जा रहा है — जिसमें फर्जी बैंकिंग कॉल, केवाईसी अपडेट, ई-कॉमर्स रिफंड और सोशल मीडिया फ्रॉड जैसी वारदातें शामिल थीं।
आईजी बिश्नोई ने बताया कि एक विशेष टीम का गठन किया गया था, जिसमें साइबर सेल, एसओजी और डीग पुलिस की टीमें शामिल थीं। गुप्त सूचना के आधार पर रविवार सुबह दोनों गांवों में एक साथ दबिश दी गई। पुलिस ने कई मकानों में तलाशी ली और वहां से सैकड़ों मोबाइल फोन, सिम कार्ड, लैपटॉप, बैंक पासबुक, एटीएम कार्ड और नकदी बरामद की।
एसपी ओमप्रकाश मीणा ने बताया कि यह कार्रवाई “ऑपरेशन साइबरक्लीन” के तहत की गई है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में फैले साइबर अपराध के नेटवर्क को पूरी तरह खत्म करना है। उन्होंने कहा कि शुरुआती जांच में पता चला है कि इन गिरोहों के तार देश के कई राज्यों — हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, गुजरात और महाराष्ट्र तक फैले हुए हैं।
पुलिस के मुताबिक, गिरफ्तार या हिरासत में लिए गए कई आरोपियों के खिलाफ पहले भी साइबर ठगी के मामले दर्ज हैं। कुछ आरोपी युवाओं को मोबाइल और लैपटॉप देकर ठगी के काम में शामिल कर रहे थे। वे बैंक खातों और डिजिटल वॉलेट्स के माध्यम से फर्जी लेन-देन कर देशभर के लोगों से लाखों रुपये ठगते थे।
आईजी बिश्नोई ने कहा कि यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है, जिसमें पुलिस ने डीग जिले में साइबर अपराधियों के नेटवर्क की रीढ़ तोड़ दी है। उन्होंने बताया कि आगे की जांच में उन लोगों की पहचान भी की जा रही है, जिन्होंने इन गिरोहों को तकनीकी सहायता या बैंक खातों की सुविधा दी।
स्थानीय लोगों ने भी पुलिस की इस सख्त कार्रवाई का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि इन गिरोहों की वजह से गांव की छवि खराब हो रही थी और युवाओं को गलत राह पर ले जाया जा रहा था। अब पुलिस की इस कार्यवाही से न केवल अपराधियों में भय का माहौल बनेगा, बल्कि समाज में भी यह संदेश जाएगा कि अपराध कितना भी तकनीकी क्यों न हो, कानून के शिकंजे से बचना संभव नहीं है।
एसपी मीणा ने कहा कि आने वाले दिनों में जिले के अन्य संवेदनशील इलाकों में भी ऐसी ही कार्रवाई जारी रहेगी। उन्होंने आम जनता से अपील की कि किसी भी संदिग्ध कॉल या ऑनलाइन लिंक पर अपनी निजी जानकारी साझा न करें और ठगी की शिकायत तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 या नजदीकी थाने में दर्ज कराएं।
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