25 मई 2025 का दिन ज्योतिष दृष्टि से विशेष रहने वाला है, क्योंकि ग्रह, नक्षत्र, योग और करण की स्थिति में होने वाला परिवर्तन कुछ राशियों के लिए परेशानी लेकर आ सकता है। इस दिन त्रयोदशी तिथि दोपहर 3:51 बजे तक रहेगी, उसके बाद चतुर्दशी तिथि शुरू हो जाएगी। अश्विनी नक्षत्र सुबह 11:12 बजे तक रहेगा, उसके बाद भरणी नक्षत्र शुरू हो जाएगा। सौभाग्य योग सुबह 11:07 बजे तक रहेगा, उसके बाद शोभन योग शुरू हो जाएगा। करण की बात करें तो गर करण सुबह 5:37 बजे तक रहेगा, उसके बाद वणिज करण दोपहर 3:51 बजे तक रहेगा। इसके बाद विष्टि करण रहेगा। ग्रहों की स्थिति की बात करें तो चंद्रमा मेष राशि में रहेगा। सूर्य और बुध वृषभ राशि में रहेंगे। बृहस्पति मिथुन राशि में रहेंगे।
मंगल कर्क राशि में नीच के रहेंगे, जिससे उनका पराक्रम कमजोर होगा। केतु सिंह राशि में और राहु कुंभ राशि में रहेंगे। शुक्र और शनि मीन राशि में विराजमान रहेंगे। चंद्रमा मेष राशि में रहेगा, जो मंगल की राशि है। कर्क राशि में नीच का होने के कारण मंगल कमजोर है, जिससे उसकी ऊर्जा और सकारात्मक प्रभाव में कमी आ सकती है। यह स्थिति कुछ राशियों के लिए मानसिक तनाव, जल्दबाजी और निर्णय लेने में असमंजस की स्थिति पैदा कर सकती है। भरणी नक्षत्र, जो यम का नक्षत्र है, दोपहर के बाद शुरू होगा और कुछ राशियों के लिए स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं या जोखिम लेकर आ सकता है। चतुर्दशी तिथि भी कुछ राशियों के लिए अशुभ मानी जाती है। राहु और केतु की स्थिति कुछ राशियों पर आध्यात्मिक और भावनात्मक दबाव बढ़ा सकती है। मीन राशि में शुक्र और शनि की युति भी कुछ राशियों के लिए आर्थिक और व्यक्तिगत चुनौतियां लेकर आ सकती है। आइए जानते हैं किन राशियों के लिए यह दिन खराब रहने वाला है।
कर्क राशि
कर्क राशि में मंगल नीच का है, जिसके कारण इस राशि के लोगों को मानसिक और शारीरिक परेशानियां हो सकती हैं। मंगल की कमजोर स्थिति के कारण गुस्सा, चिड़चिड़ापन और निर्णय लेने में असमंजस की स्थिति हो सकती है। आपको स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना होगा। खासकर पेट, सिरदर्द या मांसपेशियों से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। कार्यस्थल पर सहकर्मियों या बॉस से तनाव बढ़ सकता है। पारिवारिक जीवन में भी छोटी-मोटी गलतफहमियां हो सकती हैं।
उपाय: सुबह या शाम हनुमान चालीसा का पाठ करें। इससे मंगल का अशुभ प्रभाव कम होगा और मानसिक शांति मिलेगी।
तुला
तुला राशि वालों के लिए चंद्रमा छठे भाव में रहेगा। यह शत्रु, रोग और विवादों का भाव है। भरणी नक्षत्र और चतुर्दशी तिथि के प्रभाव से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती हैं। जैसे आपको स्किन एलर्जी, जोड़ों में दर्द या थकान हो सकती है। आपको वाद-विवाद से बचना चाहिए, क्योंकि छोटी-छोटी बातें बड़े झगड़े का रूप ले सकती हैं। आर्थिक मामलों में जोखिम भरे निवेश से बचें। साथ ही रिश्तों में संयम बरतें, क्योंकि गलतफहमी की स्थिति बन सकती है।
उपाय: 'ॐ गं गणपतये नमः' मंत्र का 108 बार जाप करें। इससे राहु-केतु का प्रभाव कम होगा।
मकर
मकर राशि वालों के लिए चंद्रमा चौथे भाव में रहेगा। यह माता, घर और मानसिक शांति का भाव है। मंगल की नीच राशि और राहु का प्रभाव इस राशि के जातकों को मानसिक अशांति दे सकता है। परिवार में तनाव हो सकता है, खासकर माता या घरेलू मामलों में गलतफहमियां हो सकती हैं। इस दिन यात्रा करने से बचें, क्योंकि छोटी-मोटी दुर्घटना या असुविधा का खतरा हो सकता है। कामकाज में धैर्य रखें और जल्दबाजी में कोई बड़ा फैसला न लें।
उपाय: किसी जरूरतमंद व्यक्ति को लाल मसूर की दाल दान करें। इससे मंगल के अशुभ प्रभाव कम होंगे।
मीन राशि
मीन राशि में शुक्र और शनि की युति होगी, जो इस राशि के जातकों के लिए आर्थिक और निजी जीवन में चुनौतियां ला सकती है। चंद्रमा आपके दूसरे भाव में रहेगा, जो वाणी और धन का भाव है। भरणी नक्षत्र के प्रभाव से वाणी तीखी हो सकती है, जिससे रिश्तों में तनाव पैदा हो सकता है। आर्थिक मामलों में बड़े खर्च या जोखिम भरे निवेश से बचें। प्रेम संबंधों में भी गलतफहमियां पैदा हो सकती हैं।
उपाय: माथे पर लाल चंदन का तिलक लगाएं। इससे मंगल और शनि के प्रभाव संतुलित होंगे।
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