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कोल इंडिया के वित्तीय परिणाम में मुनाफा गिरा, कंपनी ने किया 5.50 रुपए डिविडेंड देने का ऐलान, शेयर प्राइस 52 वीक लो की ओर

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कॉर्पोरेट अर्निंग सीज़न में पीएसयू कोल इंडिया ने गुरुवार को वित्तवर्ष 2026 की पहली तिमाही के अपने वित्तीय नतीजे घोषित किये, जिनमें सालाना आधार पर उसका प्रॉफिट 20% गिरा. सरकारी स्वामित्व वाली कोयला खनन कंपनी कोल इंडिया का कंसोलिडेट नेट प्रॉफिट पहली तिमाही में साल-दर-साल 20% घटकर 8,734 करोड़ रुपये रह गया. इसी अवधि में राजस्व भी साल-दर-साल 4% घटकर 35,842 करोड़ रुपये रह गया. कंपनी ने साथ ही प्रति शेयर 5.50 रुपए के डिविडेंड की भी घोषणा की.



Coal India Ltd के शेयर प्राइस गुरुवार को 375.95 रुपए के लेवल पर बंद हुए.कंपनी का मार्केट कैप 2.32 लाख करोड़ रुपए है. कोल इंडिया को अपने निवेशकों को डिविडेंड देने के लिए जाना जाता है. इसकी डिविडेंड यील्ड 7.00 है. पिछले एक साल में इस स्टॉक में 28% की गिरावट हुई है. इसके शेयर प्राइस लगातार गिरे हैं. कोल इंडिया के शेयर का 52 वीक हाई लेवल 543.55 रुपए है, जबकि 52 वीक लो लेवल 349.25 रुपए है. जिस तरह से इस स्टॉक में गिरावट हो रही है, ऐसा लग रहा है कि इसके शेयर प्राइस 52 वीक लो लेवल की ओर जा रहे हैं.



कंपनी बोर्ड ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 5.5 रुपये प्रति शेयर का पहला अंतरिम लाभांश घोषित किया है. कंपनी ने शेयरधारकों की पात्रता निर्धारित करने के उद्देश्य से रिकॉर्ड डेट के रूप में 6 अगस्त तय की है और इसका भुगतान 20 अगस्त तक किया जाएगा.



तिमाही के लिए राज्य द्वारा संचालित खनिक का कोयला उठाव 191.04 मिलियन टन रहा, जो कि Q1FY25 में 198.92 मिलियन टन से 4% कम है.



उत्पादन भी पिछले वर्ष के 189.28 मिलियन टन से घटकर 183.32 मिलियन टन रह गया. कोयला खनन में एक प्रमुख मीट्रिक, स्ट्रिपिंग गतिविधि वर्ष-दर-वर्ष 5% घटकर 507.72 मिलियन घन मीटर रह गई. प्रति टन औसत प्राप्ति 1,673 रुपये पर मोटे तौर पर स्थिर रही. हालांकि ई-नीलामी की मात्रा और मूल्य प्राप्तियों ने मार्जिन को नुकसान पहुंचाया. ई-नीलामी की मात्रा में 1.87 मिलियन टन की गिरावट आई, जबकि प्रति टन प्राप्ति में 79 रुपये से अधिक की गिरावट आई.



30 जून 2025 तक CIL का समापन कच्चा कोयला भंडार 98.94 मिलियन टन था. पिछले वर्ष के भंडार से 24% की ग्रोथ हुई थी. जबकि खपत की गई सामग्री की लागत और कर्मचारी लाभ व्यय में मामूली गिरावट आई. उच्च मूल्यह्रास (18% तक) और वित्तीय लागत (27% तक) ने लाभप्रदता को नीचे खींच लिया.



एनसीएल और एसईसीएल ही एकमात्र बड़ी यूनिट्स रहीं जिनके मुनाफे में साल-दर-साल मामूली ग्रोथ दर्ज की गई. कमज़ोर आंकड़ों के बावजूद सीआईएल ने तिमाही के दौरान रणनीतिक कदम उठाए. इसने महत्वपूर्ण खनिजों के लिए हिंदुस्तान कॉपर और उत्तर प्रदेश में 500 मेगावाट की सौर परियोजना के लिए यूपीआरवीयूएनएल के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए.

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