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ग्रेच्युटी नियम: जानें कब मिलती है और कब नहीं

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ग्रेच्युटी क्या है?

ग्रेच्युटी अपडेट नियम: यदि आप नौकरी कर रहे हैं, तो यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण है। किसी कंपनी या विभाग में लगातार 5 वर्षों तक कार्य करने पर मिलने वाली राशि को ग्रेच्युटी कहा जाता है। यह न केवल विश्वसनीयता का प्रतीक है, बल्कि उत्कृष्ट कार्य के लिए एक पुरस्कार भी है।


कई बार कर्मचारी 5 साल से पहले ही नौकरी छोड़कर दूसरी जगह चले जाते हैं। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या उन्हें पूर्व कार्यस्थल से ग्रेच्युटी मिलेगी। इस विषय पर विस्तार से जानें।


ग्रेच्युटी के लिए पात्रता

कब होता है ग्रेच्युटी का हक:


ग्रेच्युटी प्राप्त करने के लिए आवश्यक है कि कर्मचारी ने 5 साल तक एक ही स्थान पर कार्य किया हो। यदि कोई कर्मचारी 4 साल 10 महीने तक काम करता है और इस्तीफा देता है, तो क्या इसे 5 साल माना जाएगा? इस प्रश्न का उत्तर कई लोग खोजते हैं। कुछ लोग नोटिस पीरियड को कार्यकाल में शामिल करते हैं, जबकि अन्य नहीं।


नोटिस पीरियड का महत्व

नोटिस देने पर क्या होता है:


यदि आप 4 साल 6 महीने तक कार्य करते हैं और फिर इस्तीफा देते हैं, तो आपको 2 महीने का नोटिस देना होगा। इस अवधि में आप कार्यरत रहेंगे, जिससे आपकी कुल सेवा 4 साल 8 महीने हो जाएगी। इसे 5 साल के रूप में माना जाएगा और ग्रेच्युटी की राशि दी जाएगी।


ग्रेच्युटी न मिलने की स्थिति

कब नहीं मिलती ग्रेच्युटी:


यदि किसी कर्मचारी का कार्यकाल 5 साल से कम है, तो वह ग्रेच्युटी का हकदार नहीं होगा। नोटिस पीरियड को शामिल करने पर भी यदि कुल अवधि 5 साल से कम है, तो ग्रेच्युटी नहीं मिलेगी।


विशेष परिस्थितियाँ

इस स्थिति में नियम लागू नहीं होते:


यदि किसी कर्मचारी की नौकरी के दौरान मृत्यु हो जाती है या वह दिव्यांग हो जाता है, तो ग्रेच्युटी के लिए 5 साल का नियम लागू नहीं होता। इस स्थिति में नॉमिनी को ग्रेच्युटी की राशि मिलती है। नॉमिनी का चयन करना आवश्यक है, जिसे आप Form F भरकर कर सकते हैं।


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