कल्पना कीजिए कि आप किसी चीज़ का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं और अचानक आपको पता चलता है कि आपको और इंतज़ार करना होगा। यह स्थिति निश्चित रूप से निराशाजनक होगी। ऐसा ही कुछ महोबा में एक व्यक्ति के साथ हुआ है। अलखराम, जो अपनी शादी के लिए घोड़ी पर चढ़ने का सपना देख रहा था, को यह जानकर झटका लगा कि उसका सपना अधूरा रह जाएगा।
घटनाक्रम का विवरण
यह मामला महोबा के महोबकंठ थाना क्षेत्र के माधवगंज से संबंधित है। अलखराम की शादी बीहट गांव की एक लड़की से 18 जून को तय हुई है। लेकिन जैसे ही इस शादी के बारे में इंटरनेट पर चर्चा शुरू हुई, प्रशासन ने सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया। इस कारण अलखराम का घोड़ी पर चढ़ने का सपना धूमिल होता नजर आ रहा है।
समाज में विवाद
लगभग 15 दिन पहले, अलखराम के पिता गयादीन ने महोबकंठ थाने में एक शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि माधवगंज में अनुसूचित जाति के लोगों की बारात घोड़ी पर नहीं निकाली गई है। हालांकि, जांच में पता चला कि यह मामला कुछ और ही है।
गांव के प्रधान प्रतिनिधि गजेंद्र सिंह ने कहा कि बारात निकलने में किसी का क्या लेना-देना है। अलखराम के चाचा हरीदास ने बताया कि किसी भी समाज के दूल्हे को घोड़ी पर बैठने से नहीं रोका गया है। असल में, वधू की उम्र को लेकर विवाद है, जिसमें लड़की की उम्र लगभग 17 साल बताई जा रही है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
प्रधान प्रतिनिधि गजेंद्र सिंह और अन्य ने कहा कि इंटरनेट मीडिया पर लड़की की उम्र को लेकर कई टिप्पणियाँ की जा रही हैं। एसपी सुधा सिंह ने बताया कि इस मामले में लोग विभिन्न टिप्पणियाँ कर रहे हैं और उन पर कार्रवाई की जाएगी। महोबकंठ पुलिस मामले की जांच कर रही है और गांव के 80 लोगों को शांति भंग की आशंका में पहले ही पाबंद किया जा चुका है।
कुलपहाड़ तहसील के एसडीएम सुथान अब्दुल्ला ने कहा कि यदि लड़की बालिग है, तो ही शादी की अनुमति दी जाएगी। इस प्रकार, अलखराम को घोड़ी पर चढ़ने के लिए अभी और इंतज़ार करना पड़ सकता है।
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