गुरुग्राम के बांधवाड़ी गांव में एक दुखद घटना में 14 महीने की एक बच्ची की करंट लगने से जान चली गई। यह घटना उन माता-पिता के लिए एक महत्वपूर्ण सबक है जो अपने बच्चों को अकेला छोड़ देते हैं। शनिवार शाम को यह हादसा तब हुआ जब बच्ची घर के ग्राउंड फ्लोर पर खेल रही थी, जबकि उसकी मां घरेलू कामों में व्यस्त थी और पिता काम पर गए हुए थे। खेलते समय बच्ची को एक लंबी लोहे की कील मिली, जिसे उसने खेल-खेल में दीवार पर लगे बिजली के सॉकेट में डाल दिया, जिससे उसे करंट लग गया।
पुलिस की जांच के अनुसार, मासूम तान्या ने खेलते समय कील को दीवार के निचले हिस्से में लगे सॉकेट में डाल दिया। करंट लगने से उसे जोरदार झटका लगा और वह कमरे में गिर गई।
गुरुग्राम पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी संदीप कुमार ने बताया कि करंट का झटका इतना तेज था कि बच्ची कमरे में उछलकर गिरी। उसकी मां ने बच्चों की चीखें सुनकर नीचे आकर देखा कि बच्ची बेहोश पड़ी है। परिवार और पड़ोसियों ने तुरंत उसे सेक्टर 10ए के सिविल अस्पताल पहुंचाया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी और डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस घटना ने परिवार पर गहरा दुख छा दिया है।
पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। बच्ची के पिता, मोहित कुमार ने ग्वाल पहाड़ी पुलिस चौकी में एक लिखित बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि इस घटना में किसी भी प्रकार की साजिश या संदेह नहीं है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह एक दुखद दुर्घटना थी और इसमें किसी की लापरवाही का कोई सबूत नहीं मिला है।
यह घटना उन माता-पिता के लिए एक चेतावनी है जिनके घर में छोटे बच्चे हैं। बिजली से जुड़े उपकरणों और खुले सॉकेट्स को सुरक्षित रखना अत्यंत आवश्यक है। माता-पिता को चाहिए कि वे बिजली के खुले सॉकेट्स को कवर करें और घर में खतरनाक वस्तुओं को बच्चों की पहुंच से दूर रखें, ताकि इस तरह के हादसों से बचा जा सके।
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