कब्जे से मुक्ति: (प्रॉपर्टी टिप्स)। प्रॉपर्टी से संबंधित विवादों को सुलझाने के लिए कई कानूनी प्रावधान मौजूद हैं, जिनमें कब्जा छुड़ाने के उपाय भी शामिल हैं। प्रॉपर्टी मालिकों के लिए यह जानना आवश्यक है कि आजकल प्रॉपर्टी पर कब्जे के मामले बढ़ रहे हैं।
यदि आपकी संपत्ति पर कोई अतिक्रमण करता है, तो आप तुरंत कुछ कदम उठाकर न केवल कब्जा छुड़वा सकते हैं, बल्कि मुआवजा भी प्राप्त कर सकते हैं। आइए जानते हैं इस संबंध में कानूनी प्रावधान क्या हैं।
अतिक्रमण से बचने के उपाय
अतिक्रमण से बचाव के लिए उठाएं ये कदम-
आजकल प्रॉपर्टी के मामलों में धोखाधड़ी और साजिश के मामले बढ़ रहे हैं, साथ ही कब्जा और अतिक्रमण के मामले भी आम हो गए हैं। प्रॉपर्टी से जुड़े विवादों की संख्या में वृद्धि हो रही है। इसलिए, इनसे बचने के लिए कानूनी जानकारी के साथ पहले से कई कदम उठाने चाहिए। किसी की गलत नीयत से आपकी संपत्ति पर कब्जा करना अतिक्रमण कहलाता है।
इसलिए, प्रॉपर्टी मालिक को अपनी जमीन खरीदने के बाद चारों ओर बाउंड्री वॉल बनवानी चाहिए। वहां कोई निर्माण या बोर्ड लगाना भी उचित रहेगा। इससे किसी अन्य द्वारा कब्जा करने की संभावनाएं कम हो जाएंगी। यदि कोई हलचल दिखे, तो तुरंत शिकायत करें। इससे आपकी प्रॉपर्टी सुरक्षित रहेगी।
भूमि अतिक्रमण कानून के प्रावधान
भूमि अतिक्रमण कानून में यह है प्रावधान -
कानून में संपत्ति से कब्जा छुड़ाने के लिए कई प्रावधान हैं। भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 441 के तहत जमीन पर कब्जा करने पर जुर्माना और 3 महीने की जेल का प्रावधान है। आप कब्जाधारी के खिलाफ कोर्ट में भी जा सकते हैं।
शिकायत कहां करें-
यदि कोई आपकी प्रॉपर्टी पर अवैध कब्जा करता है, तो आप इसकी शिकायत संबंधित विभाग के अधिकारियों से कर सकते हैं। इसके अलावा, प्रॉपर्टी मालिक अतिक्रमणकारी के खिलाफ आदेश 39, नियम 1 और 2 के तहत मामला दर्ज करवा सकता है।
कोर्ट में अर्जी लगाने पर अतिक्रमण पर रोक लगाई जा सकती है और मुआवजे का आदेश भी दिया जा सकता है। मुआवजे की राशि प्रॉपर्टी की मौजूदा कीमत और प्रॉपर्टी मालिक को हुए आर्थिक नुकसान के आधार पर निर्धारित की जाती है।
मामले को सुलझाने के तरीके
मामले को ऐसे सुलझाएं-
जब जमीन पर अतिक्रमण होता है और विवाद बढ़ जाता है, तो इसे सुलझाना आवश्यक होता है। इसके लिए दो तरीके हैं: आपसी सहमति और कानूनी सहारा। इनमें किसी व्यक्ति या परिवार के सदस्य की मध्यस्थता महत्वपूर्ण होती है।
जमीन का विभाजन, संपत्ति बेचना या किराए पर देना जैसे विकल्पों पर विचार करके भू अतिक्रमण के मामले सुलझाए जा सकते हैं। यदि आपसी सहमति से मामला नहीं सुलझता है, तो कोर्ट में कई सबूतों की आवश्यकता होगी। इसके लिए आपके पास अधिकार विलेख और क्रय विक्रय संबंधी दस्तावेज होना आवश्यक है।
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