दिल्ली और उसके आस-पास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण ने चिंताजनक स्तर को पार कर लिया है। सोमवार को मुंडका क्षेत्र में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 1200 तक पहुँच गया, जो कि 'अति गंभीर' श्रेणी से भी अधिक है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में सभी स्कूलों और कॉलेजों को तुरंत बंद करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही, कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP-4) को सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बिना हटाया नहीं जा सकता।
GRAP-4 के तहत सख्त नियम
दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए GRAP-4 को लागू किया गया है। इसके अंतर्गत भारी वाहनों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है और सभी निर्माण गतिविधियों को भी रोक दिया गया है। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि GRAP-4 का पालन सख्ती से किया जाए और इसे हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की अनुमति आवश्यक होगी।
सुप्रीम कोर्ट का सख्त संदेश
सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज की बेंच ने सुनवाई के दौरान दिल्ली और आस-पास के क्षेत्रों में बढ़ते प्रदूषण पर गहरी चिंता व्यक्त की। कोर्ट ने इसे बच्चों के स्वास्थ्य के लिए खतरा मानते हुए स्कूलों और कॉलेजों को बंद करने का आदेश दिया। सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिए कि प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
उत्तर प्रदेश सरकार की पहल
सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पहले, उत्तर प्रदेश सरकार ने भी दिल्ली-एनसीआर में GRAP-4 लागू करने और स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया था। कोर्ट को बताया गया कि एनसीआर के अंतर्गत आने वाले जिलों में स्कूलों को बंद करने के साथ-साथ अन्य एहतियाती कदम भी उठाए गए हैं। यह निर्णय कोर्ट के निर्देशों के अनुरूप लिया गया और इसे लागू करने में तत्परता दिखाई गई।
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