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कैंसर के इलाज में फूड सप्लीमेंट्स का योगदान

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कैंसर का इलाज: फूड सप्लीमेंट्स की भूमिका

कैंसर का इलाज संभव है, लेकिन इसमें कई चुनौतियाँ आती हैं। कई बार कैंसर ट्यूमर हटाने के बाद भी मरीज की मृत्यु की खबरें आती हैं। इस समस्या से निपटने के लिए चिकित्सकों ने ऐसे फूड सप्लीमेंट्स विकसित किए हैं जो हानिकारक कोशिकाओं के विकास को रोकने में मदद करते हैं। कैंसर, दुनिया में मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है, और इससे उबरने वाले व्यक्ति को एक बड़ी जीत के रूप में देखा जाता है। हाल ही में एक नया फूड सप्लीमेंट तैयार किया गया है, जो कैंसर के उपचार में सहायक हो सकता है।


न्यूट्रास्युटिकल थेरेपी: कैंसर के मरीजों के लिए एक नई आशा

टाटा मेमोरियल सेंटर के चिकित्सकों ने न्यूट्रास्युटिकल थेरेपी विकसित की है, जो कैंसर के मरीजों के लिए एक वरदान साबित हो सकती है। इस थेरेपी को मेटास्टेटिक कैंसर के उपचार और उसके जोखिम को कम करने के लिए तैयार किया गया है।



शोधकर्ताओं के अनुसार, न्यूट्रास्युटिकल एक प्रकार का फूड या फूड सप्लीमेंट है, जिसे आर-सी यू (RCU) कहा जाता है। इसे कॉपर, अंगूर और बेरीज के पौधों से बनाया गया है। इसमें अतिरिक्त बायोएक्टिव यौगिक और औषधीय गुण होते हैं, जो शरीर को आवश्यक पोषण के साथ-साथ अन्य लाभ भी प्रदान कर सकते हैं।


पिछले कुछ वर्षों में, न्यूट्रास्युटिकल का उपयोग कैंसर के मरीजों पर किया गया है, और इसके परिणाम सकारात्मक रहे हैं। यह ओरल, ब्लड, ब्रेन और पेट के कैंसर से बचाव में सहायक हो सकता है। डॉ. इंद्रलीन मित्रा ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि इस शोध में कैंसर उपचार के दौरान कीमो और रेडियोथेरेपी के जोखिम भी सामने आए हैं।


हालांकि, यह थेरेपी कैंसर की प्रारंभिक ट्यूमर कोशिकाओं को समाप्त कर देती है। इससे मरने वाली कैंसर कोशिकाएँ क्रोमैटिन रिलीज करती हैं, जिन्हें CFCHP कहा जाता है, जो रक्त के माध्यम से शरीर के विभिन्न हिस्सों में पहुँचकर कैंसर का कारण बन सकती हैं। यदि किसी को शरीर में कोई समस्या हो, तो चिकित्सक से संपर्क करना आवश्यक है।


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