आज हम कब्ज के विषय में चर्चा करेंगे। यह समस्या भले ही छोटी लगे, लेकिन इसे नजरअंदाज करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
यदि आप पेट से जुड़ी इस समस्या को लंबे समय तक अनदेखा करते हैं, तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। कब्ज के कारण होने वाले लगभग 72% रोग आपके लिए गंभीर हो सकते हैं। इसलिए, समय रहते जागरूक होना आवश्यक है और नीचे दिए गए उपायों का पालन करें।
कब्ज से प्रभावित जनसंख्या
लगभग 20% लोग कब्ज से परेशान हैं, जिनमें से 14% शहरी क्षेत्रों में रहते हैं। शहरी जीवनशैली, खानपान की आदतें और शारीरिक श्रम की कमी ने इसे आम बना दिया है।
खाने में शामिल करें:
कीवी, शकरकंद, पॉपकॉर्न, पिस्ता, अखरोट, बादाम, मूंगफली, नाशपाती, स्ट्रॉबेरी, जामुन, अलसी के बीज, ब्रॉकली, दूध और दही।
बीमारियों का खतरा:
यदि आपको लगातार तीन महीने से कब्ज की समस्या है, तो यह अन्य बीमारियों का संकेत हो सकता है।
कब्ज के कारण:
कब्ज कई प्रकार का हो सकता है, जैसे कभी-कभी होने वाला कब्ज, क्रॉनिक कॉन्स्टिपेशन, यात्रा या उम्र से संबंधित कब्ज।
कब्ज का मुख्य कारण आंतों का मल को छोड़ने में असमर्थ होना है, जो खानपान में बदलाव, यात्रा, उम्र, गर्भावस्था आदि के कारण हो सकता है।
अचानक तैलीय भोजन का सेवन या वजन घटाने के लिए खानपान में कटौती भी कब्ज का कारण बन सकती है।
अधिक वसायुक्त भोजन, शराब और कॉफी का सेवन भी कब्ज को बढ़ा सकता है।
कुछ लोग पर्याप्त पानी नहीं पीते, जिससे पाचन तंत्र प्रभावित होता है।
क्या आप नियमित व्यायाम करते हैं? यदि नहीं, तो यह कब्ज का एक बड़ा कारण हो सकता है।
शारीरिक गतिविधियों की कमी से मेटाबॉलिज्म कमजोर हो जाता है, जिससे पाचन क्रिया प्रभावित होती है।
कुछ दवाएं, विशेषकर पेन किलर्स, कब्ज का कारण बन सकती हैं। ऐसे में डॉक्टर से सलाह लेकर स्टूल सॉफ्टनर का उपयोग करें।
विशेष ध्यान देने योग्य बातें:
निम्बू: नींबू शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। कब्ज होने पर एक गिलास गर्म पानी में नींबू का रस और शहद मिलाकर पिएं।
दूध और दही: अच्छे बैक्टीरिया के लिए सादा दही फायदेमंद है। एक से दो कप दही रोजाना खाएं।
आयुर्वेद: सोने से पहले त्रिफला टैबलेट गर्म पानी के साथ लें।
फाइबर: महिलाओं को 25 ग्राम और पुरुषों को 30-35 ग्राम फाइबर की आवश्यकता होती है।
कब्ज से राहत के घरेलू उपाय:
सुबह नींबू के रस को काला नमक मिलाकर पानी के साथ पिएं।
20 ग्राम त्रिफला को एक लीटर पानी में भिगोकर सुबह पिएं।
रात को सोने से पहले एक चम्मच शहद का सेवन करें।
हर्र का चूर्ण कुनकुने पानी के साथ लें।
अरंडी का तेल हल्के गरम दूध में मिलाकर पिएं।
इसबगोल की भूसी का सेवन करें।
पका हुआ अमरूद और पपीता खाएं।
किशमिश को पानी में भिगोकर खाएं।
पालक का रस पिएं।
अंजीर को पानी में भिगोकर खाएं।
मुनक्का का सेवन करें।
नियमित व्यायाम और योग करें।
चिकित्सक की सलाह:
इन उपायों को अपनाने से पहले चिकित्सक से सलाह लें। यदि समस्या बनी रहती है, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
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