जब दो व्यक्तियों के बीच संबंधों में दरार आने लगती है, तो पुरानी प्रेम भावना को पुनर्जीवित करना कठिन हो जाता है। मेरी शादी को छह वर्ष हो चुके हैं।
मेरे पति आदित्य हमेशा मेरे लिए एक सच्चे साथी रहे हैं। हमारी शादी के प्रारंभिक दिन बेहद सुखद थे, और मैं खुद को भाग्यशाली मानती थी कि मुझे आदित्य जैसा जीवनसाथी मिला। लेकिन एक समय ऐसा आया जब हमारा रिश्ता संकट में था। यह मेरी कहानी है कि कैसे हमने अपने रिश्ते को बचाने और एक नई शुरुआत करने का प्रयास किया।
शादी के समय, आदित्य और मैं एक-दूसरे के बिना नहीं रह पाते थे। हम लंबी बातें करते, एक साथ खाना बनाते और हर छोटे पल का आनंद लेते थे।
मुझे याद है, शादी के कुछ महीनों बाद हमने अपनी पहली सालगिरह मनाने के लिए मनाली की यात्रा की थी। वह ठंडी रातें, गर्म कॉफी और हमारी हंसी। आदित्य की मुस्कान मेरे लिए सब कुछ थी।
लेकिन मुझे यह नहीं पता था कि यह सब हमेशा ऐसा नहीं रहेगा।
तीन साल बाद, सब कुछ धीरे-धीरे बदलने लगा। मैं काम और घरेलू जिम्मेदारियों में उलझने लगी। मेरी ऊर्जा कम होती जा रही थी, और मुझे लगा कि मैं शारीरिक संबंधों में रुचि खो रही हूं।
शुरुआत में मैंने इसे नजरअंदाज किया, लेकिन समय के साथ यह समस्या बढ़ने लगी। मैं अक्सर बहाने बनाने लगी। "आज थक गई हूं, आदित्य।" "अभी मूड नहीं है।" ये शब्द मेरी दिनचर्या का हिस्सा बन गए।
आदित्य ने पहले धैर्य दिखाया, लेकिन धीरे-धीरे वह भी चुप रहने लगे। पहले वह मुझसे बात करने की कोशिश करते थे, लेकिन अब वह भी बंद हो गया।
एक दिन, जब हमने इस पर बहस की, आदित्य ने कहा, "अनुष्का, क्या तुमने कभी सोचा है कि मैं कैसा महसूस करता हूं? तुम्हारी इस दूरी ने मुझे अजनबी बना दिया है।"
उस रात मैंने खुद को आईने में देखा। क्या मैं आदित्य के साथ अन्याय कर रही हूं? क्या यह समस्या मेरी वजह से है?
अगले दिन मैंने अपनी करीबी दोस्त पायल को फोन किया। पायल मेरी स्कूल की दोस्त थी और अब एक डॉक्टर है। मैंने उससे अपनी समस्याएं साझा कीं। उसने कहा, "अनुष्का, यह समस्या सामान्य है, लेकिन इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए। तुम्हें आदित्य से खुलकर बात करनी होगी और डॉक्टर से मदद लेनी होगी।"
उसकी बात ने मुझे हिम्मत दी। उस रात मैंने आदित्य को अपने डर और चिंताओं के बारे में बताया। "आदित्य, मुझे लगता है कि मैंने तुम्हें और हमारे रिश्ते को नजरअंदाज किया है। लेकिन अब मैं इसे ठीक करना चाहती हूं। क्या तुम मेरे साथ रहोगे?"
आदित्य ने मेरी आंखों में देखा और कहा, "हम इसे मिलकर ठीक करेंगे, अनुष्का। बस इतना कि अब हम एक-दूसरे से झूठ नहीं बोलेंगे।" उनकी यह बात सुनकर मेरा दिल हल्का हो गया।
पायल ने हमें एक गाइनाकोलॉजिस्ट से मिलने की सलाह दी। डॉक्टर ने मेरी स्थिति का मूल्यांकन किया और बताया कि हार्मोनल असंतुलन और तनाव मेरी समस्या का कारण हैं। उन्होंने मुझे दवाइयों के साथ एक स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की सलाह दी।
काउंसलिंग के दौरान, हमने कई नई बातें सीखी। काउंसलर ने हमें एक-दूसरे के लिए "थैंक यू" नोट लिखने और छोटी खुशियों को साझा करने के लिए कहा। हमने अपनी दिनचर्या में छोटे बदलाव किए।
आदित्य ने एक दिन मेरे लिए गुलाब लाते हुए कहा, "तुम्हारी मुस्कान मेरी दुनिया है, अनुष्का।" उस पल मैंने महसूस किया कि हम फिर से करीब आ रहे थे।
योग और मेडिटेशन ने मेरी मानसिक स्थिति को बेहतर किया। मैं अधिक ऊर्जावान और खुश महसूस करने लगी। मुझे एहसास हुआ कि शारीरिक संबंध केवल एक शारीरिक आवश्यकता नहीं है, बल्कि यह भावनात्मक जुड़ाव का भी हिस्सा है।
आज हमारा रिश्ता पहले से कहीं अधिक मजबूत है। हमने अपने रिश्ते को बर्बाद होने से बचा लिया। मैंने सीखा कि किसी भी समस्या को छिपाने के बजाय उसे हल करने का प्रयास करना चाहिए। प्यार और विश्वास से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है।
यदि आप भी किसी रिश्ते में कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं, तो संवाद करें। मदद मांगने में कोई शर्म नहीं है। एक मजबूत रिश्ता हमेशा दो लोगों की समान कोशिशों से बनता है।
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