माँ के लिए उसका बच्चा सबसे कीमती होता है। अपने बच्चे की मुस्कान के लिए, माँ हर संभव प्रयास करती है। मेरठ की शालू ने अपने पांच महीने के बच्चे को 11 महीने तक वेंटिलेटर पर रखा, जब उसकी जिंदगी संकट में थी। मदर्स डे के अवसर पर, आइए जानते हैं शालू की कहानी।
शालू बताती हैं कि उनके बच्चे का जन्म साढ़े चार किलो वजन के साथ हुआ था, लेकिन डिलीवरी के दौरान उसकी गर्दन की हड्डी टूट गई। प्रारंभ में, उन्हें यह नहीं पता था कि क्या हुआ है। कुछ दिनों बाद, बच्चे की स्थिति गंभीर हो गई और उन्हें हल्द्वानी में डॉक्टर के पास ले जाना पड़ा।
बच्चे की फिजियोथेरेपी के बावजूद, उसकी स्थिति में सुधार नहीं हुआ। अंततः, एम्स, दिल्ली में जांच के बाद पता चला कि उसकी गर्दन की हड्डी टूटने के साथ-साथ सर्वाइकल स्पाइन भी प्रभावित हुई है।
डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे की सर्जरी जटिल थी और इसके लिए माँ ने अपनी हड्डी दान करने का निर्णय लिया। यह सर्जरी 15 घंटे तक चली और इसके बाद बच्चे को 11 महीने तक वेंटिलेटर पर रहना पड़ा।
शालू ने कहा कि वह अपने बच्चे की जान बचाने के लिए कुछ भी करने को तैयार थीं। अंततः, 10 मई 2023 को बच्चे को अस्पताल से छुट्टी मिल गई।
डॉक्टरों का कहना है कि बच्चे की स्थिति अब बेहतर है, लेकिन उसे पूरी तरह से ठीक होने में समय लगेगा।
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