Next Story
Newszop

भारत में जमीन रजिस्ट्री के खर्च और प्रक्रिया की जानकारी

Send Push
जमीन की रजिस्ट्री का महत्व

भारत में, भूमि की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, चाहे वह ग्रामीण क्षेत्र हो या शहरी। लोग अपनी जीवनभर की बचत का निवेश जमीन खरीदने में कर रहे हैं। जब भी कोई व्यक्ति जमीन या संपत्ति खरीदता है, तो उसके नाम पर रजिस्ट्री कराना अनिवार्य होता है।


रजिस्ट्री के लिए आवश्यक दस्तावेज

यह रजिस्ट्री इस बात का प्रमाण है कि भूमि अब आपकी है। सरकार रजिस्ट्री के लिए विभिन्न दस्तावेजों की मांग करती है, जिन्हें दोनों पक्षों को प्रस्तुत करना होता है। इसके साथ ही, रजिस्ट्री के लिए चार्ज भी सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है।


रजिस्ट्री शुल्क की जानकारी

रजिस्ट्री शुल्क आपकी संपत्ति की कीमत पर निर्भर करता है। यदि आपको रजिस्ट्री प्रक्रिया के बारे में जानकारी नहीं है, तो आप ऑनलाइन स्रोतों का उपयोग कर सकते हैं। जानकारी की कमी के कारण कई बार रजिस्ट्रीकर्ता आपसे अधिक शुल्क ले सकते हैं।


स्टांप ड्यूटी चार्ज

जमीन की रजिस्ट्री के दौरान स्टांप ड्यूटी चार्ज भी लगता है, जो भूमि के आकार के अनुसार निर्धारित होता है। ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि खरीदने पर कम खर्च आता है, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह अधिक होता है। स्टांप ड्यूटी चार्ज भूमि की सर्कल दर या सरकारी मूल्य पर निर्भर करता है।


राज्य सरकार द्वारा निर्धारित शुल्क

भारत में विभिन्न राज्यों में रजिस्ट्री शुल्क अलग-अलग होता है, जो 3% से लेकर 10% तक हो सकता है। संपत्ति पर स्टांप शुल्क के अलावा, रजिस्ट्रेशन शुल्क भी देना होता है, जो आमतौर पर केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित होता है।


उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति दिल्ली में ₹60 लाख की संपत्ति खरीदता है, तो वहां स्टांप शुल्क दर 6% है। इस हिसाब से, उसे ₹3,16,000 और पंजीकरण के लिए ₹60,000 का भुगतान करना होगा। महिलाओं के लिए रजिस्ट्री में छूट भी होती है, जिससे उन्हें पुरुषों की तुलना में कम राशि चुकानी पड़ती है।


Loving Newspoint? Download the app now