राज कंवर की अनोखी कहानी
राजस्थान के सीकर जिले में एक मां की कहानी है, जिसने अपने इकलौते बेटे की मृत्यु के बाद श्मशान को अपना स्थायी निवास बना लिया है। यह कहानी 15 साल पुरानी है, जब राज कंवर ने अपने बेटे इंदर को खो दिया।
65 वर्षीय राज कंवर, जो सीकर की निवासी हैं, ने अपने बेटे के अंतिम संस्कार के बाद से घर लौटने का विचार भी नहीं किया। बेटे की मौत का गहरा सदमा उन्हें इस स्थिति में ले आया।
राज कंवर ने श्मशान को अपना घर मान लिया है। वह धर्माणा मोक्षधाम में आने वाले लोगों को पानी पिलाती हैं और शवों के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियां भी इकट्ठा करती हैं। इसके अलावा, वह अन्य दिनों में पेड़-पौधों की देखभाल भी करती हैं।
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