चाइनीज लोन ऐप्स एक बार फिर से चर्चा में है, एक सरकारी सूत्र ने जानकारी देते हुए बताया कि सीरियस फ्रॉड इंवेस्टिगेशन ऑफिस (SFIO) ने ऑमलेट और जंप मंकी जैसी 33 चाइनीज डिजिटल लोन देने वाली कंपनियों की जांच पूरी कर ली है और अपनी रिपोर्ट कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) को सौंप दी है. कंपनी अधिनियम के तहत अपराधों की सुनवाई के लिए विशेष अदालतें नामित हैं, जो कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) के अधिकार क्षेत्र में आती हैं.
इन निष्कर्षों से कंपनी अधिनियम और अन्य दंडात्मक कानूनों के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत कानूनी कार्रवाई शुरू होने की संभावना है, क्योंकि जांच में कथित वित्तीय धोखाधड़ी, चीनी समूहों से लाभकारी स्वामित्व संबंधों को छिपाने का खुलासा हुआ है. यह धोखाधड़ी करने वाले डिजिटल ऋण देने वाले प्लेटफ़ॉर्म, खासकर चीनी फंडिंग लिंक वाले प्लेटफ़ॉर्म पर सरकार की व्यापक कार्रवाई का एक हिस्सा है.
कंपनियां ऐसे करती हैं पैसों का हेरफेरएसएफआईओ की जांच उन अवैध लोन ऐप्स से निपटने के लिए एक व्यापक बहु-एजेंसी प्रयास का हिस्सा है जो अपारदर्शी स्वामित्व संरचनाओं के साथ काम करते हैं और अक्सर जबरदस्ती वसूली करते हैं. इनमें से कई कंपनियां भारत में पंजीकृत हैं लेकिन विदेशों से मुख्यतः चीन से ऑपरेट करती हैं. ये कंपनियां पैसों को रूट और पार्क करने के लिए शेल कंपनियों का उपयोग करती हैं.
मार्च 2025 में, मनीकंट्रोल की रिपोर्ट में बताया गया था कि MCA ने फंड डायवर्जन और नियामक गैर-अनुपालन के प्रारंभिक निष्कर्षों के बाद एसएफआईओ द्वारा विस्तृत जांच के लिए 33 चाइनीज लिंक्ड कंपनियों की पहचान की है. एसएफआईओ, कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के अंतर्गत एक वैधानिक कॉर्पोरेट फ्रॉड इंवेस्टिगेशन एजेंसी है, जिसका काम जटिल वित्तीय धोखाधड़ी की जांच करना है. यह फोरेंसिक ऑडिटिंग, वित्तीय लेखांकन, सूचना प्रौद्योगिकी, कानून और कंपनी कानून के विशेषज्ञों को नियुक्त करता है और अपने निष्कर्षों के आधार पर अभियोजन की सिफारिश करने का अधिकार रखता है.
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