मथुरा। उत्तर प्रदेश के वृंदावन में बिहारी जी के दर्शन के लिए हर दिन लाखों की संख्या में भक्त आते हैं। लेकिन यहां पर कुछ दिन ऐसे होते हैं जो कि ठाकुर जी के लिए विशेष माने जाते हैं। इन्हीं दिनों में से एक दिन ऐसा होता है जो अक्षय तृतीया के लिए विशेष माना जाता है। इस दिन ठाकुर जी के विशेष दर्शन किए जाते हैं। इस बार अक्षय तृतीया से पहले से बांके बिहारी मंदिर को आम से सजाया गया है। इतना ही नहीं, इस बांके बिहारी मंदिर को विदेशों से मंगवाए गए आम से भी सजाया गया है।
20 कुंताल आमों का प्रयोगमंदिर में भगवान को विशेष रूप से आम के फूलों से सजे एक बंगले में विराजमान किया गया है। इस बंगले को बनाने में 20 कुंतल आमों का प्रयोग किया गया है। यह दिन भक्तों के लिए भावुक पल बन गया। गर्मी के इस मौसम में यह परंपरा हर साल निभाई जाती है, जिसमें भक्तजन अपनी श्रद्धा और कलात्मकता का प्रदर्शन करते हैं। मंदिर के सेवायत ने बताया कि गर्मी का सीजन शुरू होते ही ठाकुर महाराज के लिए फूल बंगले बनाए जाते हैं, जो हर साल की तरह ये परंपरा की जाती है।
अनेक प्रकार के फूलों का प्रयोगठाकुर बांके बिहारी महाराज को आम के बंगले में विराजमान होते हुए देखा गया है। इस बीच भक्तों ने जमकर जयकारे लगाते हुए ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में बनाए गए बंगले में आम के साथ-साथ कई तरह के देसी और विदेशी फूलों का भी प्रयोग किया गया है। जिसमें गुलाब, राय, बेल, रजनीगंधा और गेंदा के कई विभिन्न प्रकार के फूलों का इस्तेमाल किया गया है। इन फूलों से मंदिर प्रांगण को भी सजाया गया।
मैंगो फूल बंगलामंदिर के सेवायत मोहन गोस्वामी ने कहा कि यहां निरंतर अनेकों प्रकार के फूल बंगले ठाकुर बांके बिहारी के बनते रहते हैं। उन्होंने बताया कि जो वक्त का भाव होता है, भक्त उसी भाव में भगवान को देखता है। भगवान भी इसी रूप में भक्तों को दर्शन देने के लिए आते हैं। इसलिए वक्त का भाव रहा कि वह ‘मैंगो फूल बंगला’ बनाएं। इसलिए भगवान को ‘मैंगो फूल बंगले’ में विराजमान किया गया।
ये भी पढ़े :
You may also like
ट्रेन में जनरल बोगी सिर्फ आगे और पीछे क्यों होती है? बीच में क्यों नहीं होती है? जानिए इसके पीछे की वजह ⤙
यहां है दुनिया की आखिरी सड़क, इसके बाद खत्म हो जाती है दुनिया; जानिए इससे जुड़े रोचक तथ्य ⤙
एक औरत 1936 में पैदा हुई और 1936 में ही मर गई., मरते वक्त उसकी उम्र 70 साल थी. बताओ कैसे ⤙
सास और दामाद की भागने की कहानी में नए खुलासे
भारत के डरावने रेलवे स्टेशनों की कहानी