Kidney Stones: किडनी स्टोन एक आम लेकिन बेहद दर्द देने वाली समस्या है, जो कि आज के समय में तेजी से बढ़ रही है. ये छोटी सी पथरी काफी तकलीफदेह हो सकती हैं. वहीं कई बार ये पथरी गोल्फ बॉल के शेप तक भी पहुंच सकती है. किडनी स्टोन होने से तेज पेट दर्द, उल्टी और पेशाब में जलन जैसे समस्या होती है. हालांकि एक्सपर्ट के अनुसार किडनी स्टोन का बड़ा कारण गलत लाइफस्टाइल, अनहेल्दी खानपान की आदतें और कई हेल्थ कंडीशन भी आज के समय पथरी के मामलों में बढ़ने का कारण बन रहे हैं.
किडनी स्टोन क्या है?
डॉ. भानु मिश्रा (कंसल्टेंट-नेफ्रोलॉजिस्ट, फोर्टिस हॉस्पिटल, शालीमार बाग) ने किडनी स्टोन के बारे में बात की. उन्होंने बताया कि यह पेशाब में मिनरल्स और एसिड सॉल्ट के जमा होने से बनने वाले ठोस, कंकड़ जैसे पदार्थ होते हैं, जो किडनी और यूरेथ्रा में हो सकते हैं. इनका शेप रेत के दाने से लेकर गोल्फ बॉल जितना बड़ा हो सकता है. हालांकि छोटे स्टोन बिना दर्द के शरीर के बाहर आ जाते हैं, लेकिन बड़े स्टोन जब यूरिनरी ट्रैक्ट से गुजरते हैं तो, असहनीय दर्द पैदा कर सकती है.
किडनी स्टोन के टाइप
कैल्शियम स्टोन
कैल्शियम स्टोन किडनी स्टोन का सबसे कॉमन टाइप है, जो आमतौर पर कैल्शियम ऑक्सालेट से बनती है. ऐसा तब होता है, जब पेशाब में कैल्शियम या ऑक्सालेट की मात्रा ज्यादा हो जाती है, तो ये पथरी बन सकती है.
यूरिक एसिड स्टोन
यह स्टोन शरीर में यूरिक एसिड के लेवल से जुड़ा स्टोन है. यह स्टोन तब बनती है, जब शरीर में यूरिक एसिड का लेवल ज्यादा हो जाता है. ज्यादातर मामलों में ऐसा रेड मीट और सी-फूड ज्यादा खाने वालों में ज्यादा देखा जाता है. साथ ही गाउट जैसी बीमारियों से जूझ रहे लोगों में भी ये देखी जाती है.
स्ट्रुवाइट स्टोन
किडनी स्टोन की ये टाइप आमतौर पर कम पाई जाती है. लेकिन स्ट्रुवाइट स्टोन ज्यादातर महिलाओं में ही होती है. यह UTI जैसे पेशाब के इंफेक्शन की वजह से बनती है.
सिस्टीन स्टोन
सिस्टीन स्टोन सबसे रेयरेस्ट स्टोन है, जो एक जेनेटिक बीमारी सिस्टिन्यूरिया की वजह से होती है. इस दौरान शरीर से सिस्टीन नाम का अमीनो एसिड पेशाब के रास्ते बाहर निकला जाता है, जिससे पथरी बनने लगती है.
किडनी स्टोन से कैसे करें बचाव?
किडनी स्टोन की समस्या को टाला जा सकता है. इससे बचाव करने के लिए ज्यादा पानी पिएं, जिससे शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकल सकें. बहुत ज्यादा नमक और प्रोटीन वाले खाना खाने से बचें. साथ ही रेड मीट और फास्ट फूड का भी सीमित मात्रा में सेवन करें. वहीं समय-समय पर हेल्थ चेकअप करते हैं, ये उन लोगों के लिए बेहद जरूरी है, जो पहले से ही पथरी की समस्या से जूझ रहें हो.
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