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उत्तर प्रदेश की 5 तहसीलों के 96 गांवों की जमीन अधिग्रहण होगी, 4 जिलों में बनेगा फोरलेन हाईवे

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Uttar Pradesh : कानपुर-कबरई ग्रीन हाईवे एक सौभाग्यपूर्ण खबर है। सरकार ने बरई-कानपुर ग्रीन हाईवे डीपीआर को मंजूरी दी है। इसके बाद कानपुर-कबरई ग्रीन हाईवे निर्माण की योजना बनाई जाती है। वास्तव में कानपुर से कबरई तक बनने वाला ग्रीन हाईवे लगभग 112 किलोमीटर का होगा। इसके निर्माण का अनुमानित बजट लगभग 3700 करोड़ रुपये होगा।

इस राजमार्ग के डीपीआर को केंद्रीय परिवहन सड़क एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंजूरी दी है। इस राजमार्ग का डिजाइन अब बनाया जा रहा है। कबरई ग्रीन हाईवे जो कानपुर से शुरू होगा 96 गांवों को पार करेगा जो फतेहपुर हमीरपुर और महोबा जिलों में हैं। इससे कानपुर-सागर रोड पर वाहनों की भार कम होगी।

बुंदेलखंड की तर्ज पर होगा निर्माण

यह बताया गया कि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की तरह ग्रीन हाईवे बनाया जाएगा। 2021 में केंद्र सरकार ने कानपुर-सागर राष्ट्रीय राजमार्ग के बराबर महोबा जिले के कबरई तक एक ग्रीन राजमार्ग बनाने का फैसला किया। महोबा से मध्य प्रदेश की सीमा में प्रवेश करते हुए यह राजमार्ग भोपाल से मुंबई को जोड़ेगा। ग्रीन हाईवे का डीपीआर बनाना हैदराबाद की कंपनी का काम है।

घाटमपुर रोड से शुरू होगा फोरलेन हाईवे

वर्तमान में हाईवे 34 कानपुर से कबरई जाता है। यह राजमार्ग खूनी राजमार्ग बन गया है। यह हाईवे हर दिन दुर्घटनाओं का शिकार होता है क्योंकि इसमें कोई डिवाइडर नहीं है। ग्रीन हाईवे पर कई सिक्सलेन पुल और फ्लाईओवर होंगे। जबकि रोड फोर लेन होगा। यह कानपुर से भोपाल तक तीन चरणों में पूरा होगा। रिंग रोड भी एनएचएआई से जुड़ रहा है। घाटमपुर रोड पर मगरसा से कानपुर में इसकी शुरुआत होगी। इसके बावजूद रिंग रोड अभी भी चल रही है।

ग्रामीण क्षेत्रों का होगा विकास

रिंग रोड उन्नाव के आटा को मंधना-सचेंडी रमईपुर और रूमा से जोड़ेगा। इससे भोपाल से कानपुर जाने पर रिंग रोड से प्रयागराज बनारस लखनऊ अलीगढ़ दिल्ली कन्नौज फर्रुखाबाद भी जा सकेगा। यह ग्रीन हाईवे जो कानपुर से कबरई तक बनाया जाएगा घनी आबादी वाले इलाकों को छोड़कर ग्रामीण इलाकों को जोड़कर विकसित करेगा।

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