लखनऊ: संसद द्वारा हाल ही में पारित वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपनी मंजूरी दे दी है, जिससे यह अब एक कानून बन गया है। इसके बाद वक्फ से जुड़ी संपत्तियों की निगरानी और पारदर्शिता को लेकर सरकार की सख्ती और बढ़ गई है।
71 करोड़ रुपये की संपत्तियां अतीक के पास थीइसी बीच प्रयागराज से एक अहम जानकारी सामने आई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, माफिया अतीक अहमद और उसके करीबियों ने वक्फ बोर्ड की करोड़ों रुपये की संपत्तियों पर कब्जा जमा रखा है। शुरुआती जांच में पता चला है कि लगभग 71 करोड़ रुपये की संपत्तियां अतीक के परिवार और सहयोगियों के कब्जे में हैं। इन संपत्तियों में दुकानें, मकान और बहुमंजिला इमारतें शामिल हैं।
बुलडोजर की कार्रवाईउत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और प्रयागराज के मंडलायुक्त की ओर से इन संपत्तियों की संयुक्त जांच की गई थी। जांच में खुलासा हुआ कि प्रयागराज वक्फ बोर्ड के तत्कालीन मुत्तवली सैयद मोहम्मद अशीयम ने अतीक के लोगों को अवैध रूप से वक्फ संपत्तियों पर कब्जा दिलाया और बदले में मोटी रकम वसूली। इसके बाद मुत्तवली को पद से हटा दिया गया और एक नया मुत्तवली नियुक्त कर दिया गया है। प्रयागराज पुलिस ने इस मामले में 18 नवंबर 2023 को अतीक अहमद के परिवार के सात सदस्यों के खिलाफ केस दर्ज किया था। इनमें से कुछ संपत्तियों पर प्रशासन ने बुलडोजर की कार्रवाई भी की है, जबकि बाकी संपत्तियों पर जांच और कार्रवाई की प्रक्रिया अभी जारी है।
सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौतीवहीं, वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की गई हैं। इस संबंध में जमीयत उलेमा-ए-हिंद, AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद और AAP विधायक अमानतुल्ला खान सहित कई नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट में इसे चुनौती दी है। शीर्ष अदालत ने सोमवार को इन याचिकाओं को सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई है।
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