Next Story
Newszop

आइसक्रीम, छोले-भटूरे से मिठाई तक…22 सितंबर से क्यों महंगा हो जाएगा स्विगी-जोमैटो से खाना मंगवाना?!

Send Push


GST on online Delivery Services: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई वाली जीएसटी काउंसिल ने 3 सितंबर को कई अहम फैसले लिए. अब जीएसटी के सिर्फ दो स्लैब ही रहेंगे. पुरानी 12% और 28% वाली स्लैब को पूरी तरह हटा दिया गया है. साथ ही, अब लोकल ई-कॉमर्स डिलीवरी सेवाओं को CGST एक्ट की धारा 9(5) के तहत लाकर बड़ा बदलाव किया है. इसका मतलब है कि 22 सितंबर से लोकल लेवल पर मिलने वाली ऑनलाइन डिलीवरी सेवाओं (जैसे खाना, किराना या पार्सल डिलीवरी) पर 18 फीसदी जीएसटी लगेगा. पहले ये लोकल डिलीवरी सर्विस धारा 9(5) में शामिल नहीं थीं, जिससे जीएसटी को लेकर काफी भ्रम रहता था.

डिलीवरी सर्विस पर 18 फीसदी GST भरना होगा
सेक्शन 9(5) के तहत अब इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स ऑपरेटर (ECO) जैसे-स्विगी, जोमैटो, ब्लिंकिट, अमेजन आदि को डिलीवरी पार्टनर की जगह जीएसटी चुकाना होगा, लेकिन सिर्फ उसी स्थिति में जब डिलीवरी पार्टनर जीएसटी के तहत रजिस्टर्ड न हो. इसका मतलब है कि अब ऑनलाइन डिलीवरी प्लेटफॉर्म को डिलीवरी सर्विस पर 18 फीसदी जीएसटी भरना पड़ेगा.

किसपर नहीं होगा असर
मॉर्गन स्टैनली के मुताबिक, अगर स्विगी और जोमैटो खुद यह खर्च उठाते हैं तो उनकी प्रॉफिट पर असर पड़ेगा, और अगर कस्टमर्स से वसूला जाता है तो मांग कम हो सकती है. वहीं, ब्लिंकिट जैसी कंपनियां पहले से ही डिलीवरी फीस पर जीएसटी ले रही थीं, इसलिए उन पर इसका ज्यादा असर नहीं होगा.

स्विगी-जोमैटो: फीस में वृद्धि
जबकि, जोमैटो और स्विगी ने भी कुछ क्षेत्रों में अपने फूड डिलिवरी बिजनेस के लिए प्लेटफॉर्म फीस में वृद्धि की है. यह कदम त्योहारों के सीजन से पहले उठाया है, क्योंकि इस वक्त ऑनलाइन फूड की मांग बढ़ने की उम्मीद ज्यादा होती है. प्लेटफॉर्म फीस एक फ्लैट फीस है, जो फूड डिलिवरी कंपनियां स्विगी और जोमैटो ऑर्डर पर ग्राहकों से वसूलती हैं. स्विगी ने सबसे पहले प्लेटफॉर्म फीस लेना शुरू किया था. जोमैटो ने भी यही किया और 2023 में 2 रुपये प्रति ऑर्डर के फ्लैट लेवी के रूप में प्लेटफॉर्म फीस लागू किया. हालांकि, ये फीस 500-700 रुपये के औसत ऑर्डर मूल्य की तुलना में कम हैं, लेकिन ये कंपनी के ओवरऑल मार्जिन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं.

Loving Newspoint? Download the app now