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पूरा हिमाचल प्रदेश गायब हो सकता है… पर्यावरणीय स्थितियों पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता, सरकार से मांगा जवाब

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हिमाचल प्रदेश में पर्यावरणीय स्थितियों पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है. कोर्ट ने कहा कि पूरा हिमाचल प्रदेश गायब हो सकता है. सख्त टिप्पणी करते हुए कोर्ट ने कहा कि राजस्व प्राप्ति पर्यावरण की कीमत पर नहीं हो सकती. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश सरकार को नोटिस भेजा है और पर्यावरणीय स्थितियों से निपटने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी है.

सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल सरकार से कहा है कि वो इस मामले में 4 हफ्ते में जवाब दे. जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने कहा कि आज हम बस इतना ही कहना चाहते हैं कि अब समय आ गया है कि हिमाचल प्रदेश सरकार हमारी टिप्पणियों पर ध्यान दे. जल्द से जल्द सही दिशा में आवश्यक कार्रवाई शुरू करे.

पूरा प्रदेश नक्शे से गायब हो जाएगा

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जलवायु परिवर्तन का हिमाचल प्रदेश पर साफ और चिंताजनक प्रभाव पड़ रहा है. हम राज्य और केंद्र सरकार से ये समझना चाहते हैं कि राजस्व अर्जित करना ही सब कुछ नहीं है. अगर चीजें ऐसी ही चलती रहीं तो वह दिन दूर नहीं जब पूरा प्रदेश नक्शे से गायब हो जाएगा. भगवान न करे कि ऐसा हो.

इन घटनाओं के लिए इंसान जिम्मेदार

कोर्ट ने कहा कि प्रदेश में हालात बदतर होते जा रहे हैं. गंभीर पारिस्थितिकीय असंतुलन की वजह से पिछले कुछ साल में गंभीर आपदाएं आई हैं. इन आपदा के लिए केवल प्रकृति को दोष देना ठीक नहीं है. पहाड़ों और मिट्टी के लगातार खिसकने, भूस्खलन जैसी घटनाओं के लिए इंसान जिम्मेदार हैं.

केंद्र सरकार का भी दायित्व है

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार का भी यह दायित्व है कि वह यह सुनिश्चित करे कि राज्य में पारिस्थितिक असंतुलन और न बिगड़े और प्राकृतिक आपदाएं न हों. बेशक बहुत नुकसान हुआ है लेकिन कहावत है कि कुछ न होने से कुछ होना बेहतर हैं. सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी मेसर्स प्रिटीन होटल्स एंड रिसॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड की ओर से हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर अपील पर फैसला सुनाते हुए की.

हाई कोर्ट के फैसले में हिमाचल सरकार की उस अधिसूचना को बरकरार रखा गया था, जिसमें तारा माता पहाड़़ी पर होटल के निर्माण के अधिकार को अस्वीकार कर दिया गया था, जिसे ‘हरित क्षेत्र’ घोषित किया गया था, जिससे उस स्थल पर सभी निजी निर्माण पर रोक लग गई थी.

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