बोलपुर, 18 अगस्त . तृणमूल कांग्रेस नेता अनुब्रत मंडल ने Monday को बोलपुर महकमा अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया. सुबह उनके वकीलों ने अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दायर की थी, जिसे दोपहर में अदालत ने मंजूर कर लिया.
वहीं, एससीजेएम ने अनुब्रत को 1000 रुपये के निजी बांड पर जमानत दे दी. उनके वकील नूपुर दत्ता बंद्योपाध्याय ने कहा, “अनुब्रत मंडल ने बिना शर्त आत्मसमर्पण किया और अदालत ने उन्हें जमानत दे दी.”
यह मामला बीते 29 मई को वायरल हुए एक ऑडियो क्लिप से शुरू हुआ था, जिसमें अनुब्रत मंडल को बोलपुर थाने के इंस्पेक्टर इन चार्ज (आईसी) लिटन हालदार को गालियां देते सुना गया था. ऑडियो में उन्होंने लिटन की मां और पत्नी को भी अपशब्द कहे थे.
इस घटना की पूरे पश्चिम बंगाल में निंदा हुई और विपक्ष ने उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन किए. दबाव बढ़ने पर 1 जून को बोलपुर थाना पुलिस ने स्वत: संज्ञान लेकर अनुब्रत के खिलाफ मामला दर्ज किया.
मामले की जांच बोलपुर के एसडीपीओ रिकी अग्रवाल कर रहे हैं, जिनके सामने अनुब्रत को पेश होना पड़ा था. पार्टी के दबाव में उन्हें माफी भी मांगनी पड़ी थी, जिसके बाद पार्टी के भीतर उनकी स्थिति कमजोर हुई.
हाल ही में Chief Minister ममता बनर्जी और पुलिस मंत्री से मुलाकात के बाद उन्हें बीरभूम जिला कोर कमेटी का संयोजक बनाया गया. जमानत नहीं मिली तो इस नियुक्ति को लेकर कई सवाल उठे.
इस बीच राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी इस मामले में State government से रिपोर्ट मांगी और बीरभूम के पुलिस अधीक्षक अमनदीप सिंह को दिल्ली बुलाया गया.
अनुब्रत के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 224 (सरकारी काम में बाधा), 132 (सरकारी कर्मचारी का उत्पीड़न), और धारा 75 और 351 (धमकी) के तहत केस दर्ज हुआ. पुलिस ने यह भी जांच की कि ऑडियो क्लिप कैसे लीक हुआ. इस दौरान लिटन हालदार के दो मोबाइल फोन भी जब्त किए गए.
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एसएचके/केआर
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