पुरी, 17 अगस्त . दीघा जगन्नाथ मंदिर विवाद पर सुदर्शन पटनायक ने पुरी के शंकराचार्य से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने अपनी पीड़ा को साझा किया.
प्रसिद्ध सैंड आर्टिस्ट और पद्मश्री सुदर्शन पटनायक ने पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती से मुलाकात की और पश्चिम बंगाल के दीघा में हाल ही में निर्मित जगन्नाथ मंदिर को लेकर चल रहे विवाद पर चर्चा की.
शंकराचार्य ने मीडिया से बातचीत में इस्कॉन के बढ़ते प्रभाव और जगन्नाथ परंपराओं से जुड़ी उसकी गतिविधियों पर अपनी चिंता दोहराई.
उन्होंने कहा कि इस्कॉन अपनी वैश्विक उपस्थिति और तीर्थयात्राओं के दौरान भोजन और स्वयंसेवी सहायता जैसी सामाजिक सेवाओं के बावजूद, ऐसी प्रथाओं में लिप्त रहा है जो “सनातन धर्म के विपरीत” हैं.
उन्होंने याद दिलाया कि इस्कॉन को शुरू में ऐसे भक्तों का समर्थन प्राप्त था, जो इसके दीर्घकालिक उद्देश्यों के प्रति सचेत नहीं थे.
उन्होंने कहा कि दशकों पहले भी इसके दृष्टिकोण के बारे में चेतावनियां जारी की गई थीं. जो लोग कभी इस्कॉन की प्रशंसा करते थे, उन्हें एहसास हो रहा है कि यह कैसे नियंत्रण हासिल करने की कोशिश कर रहा है.
सुदर्शन पटनायक ने से बातचीत में कहा कि आज मैं गुरुजी के दर्शन के लिए आया था, और इसके साथ ही, मैंने हाल ही में हुए एक मुद्दे पर अपनी गहरी चिंता और पीड़ा साझा की. मैंने गुरुजी को बताया कि कैसे पश्चिम बंगाल के दीघा में भगवान जगन्नाथ और हिंदू धार्मिक भावना के नाम पर एक स्थान को जगन्नाथ धाम के रूप में प्रचारित किया जा रहा है. यह बिल्कुल अस्वीकार्य है. विरोध करने के बाद भी सरकार और वहां की समिति की तरफ से कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है.
उन्होंने आगे कहा कि सरकार की ओर से इसको ज्यादा से ज्यादा प्रसारित किया जा रहा है. यह कैसे संभव है. हमारी हिंदू धार्मिक भावना को इससे ठेस पहुंचती है. यह अत्यंत दुखद है. गुरुजी ने कहा है कि यह कमर्शियल भावना के तहत किया जा रहा है. यह ग्रहणीय नहीं होगा. मैं पूरे इस्कॉन को दोष नहीं दे रहा. इसमें कुछ लोग ऐसे हैं, जो ऐसा कर रहे हैं.
–
एएसएच/एबीएम
You may also like
उपराष्ट्रपति चुनाव में BJP ने चली ऐसी चाल, विपक्षी खेमे में पड़ जाएगी फूट? इस पार्टी के सामने सबसे बड़ी मुश्किल!
आ गए मेरी मौत का तमाशा देखने नाना पाटेकर कीˈ क्रांतिवी का आइकॉनिक सीन जो कभी लिखा ही नहीं गया
सस्ते होंगे AC, साबुन, शैंपू: GST सुधारों से इन स्टॉक्स में आएगी तेजी!
नया उपराष्ट्रपति भाजपा का नहीं, भारत का होना चाहिए : कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत
रूस यूक्रेन संघर्ष: क्या ट्रंप से मुलाक़ात से पहले ही पुतिन के सामने कमज़ोर पड़ गए हैं ज़ेलेंस्की?