उदयपुर, 12 अक्टूबर । हिंदुस्तान जिंक एवं बायफ (BAIF) संस्थान के सहयोग से चलाए जा रहे समाधान परियोजना के तहत संचालित किसान उत्पादक संगठनों (FPO) की वार्षिक आम सभा बड़ी शोभायात्रा के साथ आयोजित की गई। बैठक में राजकीय और परियोजना स्तर के कई वरिष्ठ पदाधिकारियों, एफपीओ के निदेशकगण तथा क्षेत्र के लगभग 250 किसानों ने भाग लिया। कार्यक्रम में कुल 3 हजार से अधिक शेयरधारकों के शेयरधारक आधार के साथ कुल 3 करोड़ से अधिक का संयुक्त वर्षीय टर्नओवर रिपोर्ट किया गया।
मुख्य अतिथि व मौजूद वरिष्ठ अधिकारी
कार्यक्रम की अध्यक्षता एवं उपस्थित गणमान्य अधिकारियों में डॉ. पी.सी. भटनागर (वरिष्ठ वैज्ञानिक, KVK उदयपुर), सुधीर वर्मा (संयुक्त निदेशक कृषि), डॉ. सुरेश जैन (संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग), डॉ. कैलाश शर्मा (जिला निदेशक, उद्यानिकी) सहित क्षेत्रीय सरपंच व कृषि अधिकारी मौजूद रहे। हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड की ओर से अंशुल खंडेलवाल (IBU CEO, जावर माइंस), हितेन्द्र भूपतावत (पर्यावरण प्रमुख), विवेक कुमार सिंह (CSR प्रमुख, जावर माइंस) तथा बायफ से डॉ. अनुज दीक्षित (वरिष्ठ कार्यक्रम प्रबंधक, राजस्थान) एवं समाधान परियोजना की टीम भी सभा में उपस्थित थीं।
जावरमाता एग्रो एफपीओ — आंकड़े व चर्चा
जावर माइंस की जावरमाता एग्रो फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड के पास 1,755 शेयरधारक हैं और एफपीओ का टर्नओवर ₹21.75 लाख से अधिक दर्ज किया गया। आम सभा की शुरुआत में एफपीओ के अध्यक्ष ने संगठन के दृष्टिकोण और मिशन का संक्षिप्त परिचय देते हुए वित्त वर्ष 2024-25 में मिली व्यावसायिक उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। साथ ही वित्त वर्ष 2025-26 के लिए एफपीओ बिजनेस प्लान, निदेशक चुनाव और बोनस शेयर वितरण पर विस्तृत चर्चा हुई। कार्यक्रम में अंशधारकों को शेयर सर्टिफिकेट वितरित किए गए तथा कृषि सेवा केंद्र के सर्वाधिक व्यापार करने वाले किसानों को पुरस्कृत किया गया।
घाटावली माताजी एफपीओ — डेयरी माइक्रो-एंटरप्राइज व वाणिज्यिक उपलब्धि
घाटावली माताजी फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी ने उदयपुर के देबारी में कृषि सेवा केंद्र और गौयम डेयरी उद्यम की स्थापना की है। यह डेयरी देशी गायों का दूध इकठ्ठा कर बिलोना घी, मक्खन, दूध, दही, पनीर और खोया का उत्पादन करती है और इन्हें गौयम ब्रांड के तहत विपणन किया जाता है। डेयरी माइक्रो-एंटरप्राइज ने वित्त वर्ष 2024-25 में ₹167.40 लाख का व्यवसाय किया। घाटावली माताजी एफपीओ के 1,229 शेयरधारक हैं, शेयर पूंजी ₹14.40 लाख दर्ज है और इसका वार्षिक कारोबार ₹307.23 लाख बताया गया। वार्षिक आम सभा में परियोजना क्षेत्र के 16 गाँवों के किसानों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
समाधान परियोजना: उद्देश्य व उपलब्धियाँ
समाधान पहल गरीबी उन्मूलन व आजीविका सृजन के लिए बहु-क्षेत्रीय समन्वित परियोजना है जो सितंबर 2016 से दक्षिण राजस्थान के 6 जिलों में कृषि और पशुपालन हस्तक्षेप तथा एफपीओ के माध्यम से समुदायों के सशक्तिकरण पर कार्य कर रही है। समाधान पहल के अंतर्गत हिंदुस्तान जिंक ने 6 जिलों में 5 एफपीओ स्थापित किए हैं, जिससे 9,000 से अधिक शेयरधारक लाभान्वित हुए हैं। वित्त वर्ष 2024-25 में परिचालन शुरू करने वाले इन एफपीओ ने संयुक्त रूप से ₹1.99 करोड़ का टर्नओवर भी हासिल किया — यह परियोजना की माइलस्टोन उपलब्धियों में शामिल है।
समिति ने बैठक में यह भी रेखांकित किया कि एफपीओ किसानों को केवल इनपुट खरीद में ही नहीं, बल्कि उत्पादन, कटाई, ग्रेडिंग, एकत्रीकरण और उपज के विपणन में सामूहिक रूप से सक्षम बनाकर उन्हें बेहतर कीमत और बाजार-सक्षम विकल्प उपलब्ध करवा रहा है। समाधान परियोजना और उसके साझेदार किसानों की आजीविका सुधारने तथा क्षेत्र में टिकाऊ कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए लगातार कार्यरत हैं।
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