सूरत, 6 अप्रैल . केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल के अनुसार वक्फ कानून के लागू होने के साथ ही कई सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे. उन्होंने कहा, इसके बाद अब वक्फ बोर्ड की उस मनमानी पर रोक लगेगी, जिसमें वह किसी भी संपत्ति पर अपना दावा ठोक देता था.
पाटिल ने इस बिल के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह कदम देश में संपत्ति विवादों को कम करने में कारगर साबित होगा.
मंत्री पाटिल ने विपक्ष के सुप्रीम कोर्ट जाने की आलोचना करते हुए कहा कि यह बिल लोकतांत्रिक प्रक्रिया से गुजरा है. इसे पहले लोकसभा में पेश किया गया, फिर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा गया, जहां विभिन्न दलों के नेताओं से सुझाव लिए गए. इसके बाद लोकसभा में करीब 12 घंटे की चर्चा हुई और बहुमत से पारित होने के बाद यह राज्यसभा में गया. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष के सवालों का जवाब दिया. अंततः यह बिल राष्ट्रपति के पास भेजा गया, जहां आज इसे मंजूरी मिल गई.
पाटिल ने वक्फ बोर्ड की मनमानी का उदाहरण देते हुए कहा कि सूरत महानगरपालिका की प्रशासनिक इमारत पर भी वक्फ ने दावा कर दिया था. इस मामले में महानगरपालिका को कोर्ट का सहारा लेना पड़ा और अंततः कोर्ट ने महानगरपालिका के पक्ष में फैसला सुनाया.
उन्होंने दावा किया कि वक्फ बोर्ड देश के एक तिहाई हिस्से की जमीन पर अपना अधिकार जताता है, जो इस नए कानून के जरिए नियंत्रित होगा.
पाटिल ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट जाना उनका अधिकार है, लेकिन यह कदम वोट बैंक की राजनीति से प्रेरित है. उन्होंने विश्वास जताया कि चूंकि यह बिल पूरी पारदर्शी प्रक्रिया से पारित हुआ है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट भी इसे सही ठहराएगा. इस बिल के लागू होने से संपत्ति विवादों में कमी आने की उम्मीद जताई जा रही है.
संसद के दोनों सदनों से बजट सत्र में पारित वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिल गई. इस संबंध में गजट अधिसूचना जारी होने के साथ ही वक्फ अधिनियम, 1995 का नाम भी बदलकर यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट, इम्पावरमेंट, एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट (उम्मीद) अधिनियम, 1995 हो गया है.
विपक्षी दलों और कई मुस्लिम संगठनों के विरोध के बावजूद लोकसभा ने 3 अप्रैल को तड़के और राज्यसभा ने 4 अप्रैल को तड़के इसे मंजूरी प्रदान की. लोकसभा में इसके समर्थन में 288 और विरोध में 232 वोट पड़े थे जबकि ऊपरी सदन में इसके पक्ष में 128 और विरोध में 95 वोट पड़े.
–
एकेएस/केआर
The post first appeared on .
You may also like
ब्राह्मण महिला ने पहन लिया बुर्का और फिर पति को km तक सड़क पर घसीटा ⁃⁃
हिन्दुओं ने तलवार लहराकर ममता सरकार को दी धमकी, राम नवमी की शोभा यात्रा निकालने के लिए हमें किसी परमिशन की जरूरत नहीं..
IPL 2025: बीच टूर्नामेंट में KKR को धोखा देकर पुराने काम पर लौटे वरुण चक्रवर्ती, यहां जाने क्या है पूरा मामला
दोस्त को पार्टी में बुलाकर पिलाई शराब, फिर हथौड़े से फोड डाली खोपडी ⁃⁃
रात को नाभि पर सरसों तेल की मालिश, सुबह तक देखे कमाल ⁃⁃