पटना, 28 अप्रैल . बिहार की राजधानी पटना के संस्थान ‘लॉ प्रेप’ की ओर से सांस्कृतिक विरासत को सहेजने की दिशा में एक अनोखा रिकॉर्ड कायम किया गया है. लॉ प्रेप ट्यूटोरियल ने भारतीय संविधान की दुनिया की सबसे बड़ी प्रस्तावना बनाकर वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, लंदन में नाम दर्ज करा लिया है.
संविधान की प्रस्तावना भारतीय संविधान के सार को समाहित करने वाले पाठ के रूप में, यह राष्ट्र की पहचान, उसके लोकतांत्रिक लोकाचार और उसके मूलभूत सिद्धांतों का प्रतिबिंब है. यह सांस्कृतिक विरासत के लिए एक गौरवपूर्ण क्षण है.
लॉ प्रेप पटना द्वारा कैनवास पर पूरी तरह से प्राकृतिक रंगों से तैयार की गई दुनिया की सबसे बड़ी प्रस्तावना बनाने के लिए वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में जगह बनाई है. 18 घंटों में निर्मित इस विशाल कलाकृति को संस्थान के कई छात्रों ने मिलकर बनाया है.
लॉ प्रेप के निदेशक अभिषेक गुंजन ने इस असाधारण उपलब्धि का विवरण साझा किया. निदेशक ने कहा कि यह प्राकृतिक रंगों से बनी कैनवास पर सबसे बड़ी पेंटिंग है. संस्थान के निदेशक अभिषेक गुंजन और शालिनी द्वारा छात्रों को निर्देशित किया गया था. इस पेंटिंग में किसी प्रकार के कृत्रिम रंगों का इस्तेमाल नहीं किया गया है, बल्कि इसमें प्रयोग में लाए गए सभी रंग प्राकृतिक हैं. यह बिहार के लिए बड़ी उपलब्धि है. इस कैनवास पर इस्तेमाल किए गए रंग हल्दी, चुकंदर, कार्बन और फूलों का उपयोग करके बनाए गए हैं.
उन्होंने कहा कि पूरे राज्य और लॉ से जुड़े समुदाय को गर्व है कि हमने वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड बनाया है. संस्थान के निदेशक ने कहा कि यह बच्चों की मेहनत का परिणाम है. गांधी मैदान में इसका सोमवार को प्रदर्शन किया गया.
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एमएनपी/एएस
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