New Delhi, 30 सितंबर . हिंदू पंचांग के अनुसार, अक्टूबर 2025 का महीना धार्मिक रूप से बेहद खास रहने वाला है. इस बार ये पूरा महीना व्रत, पर्व और त्योहारों से भरा हुआ रहेगा. शारदीय नवरात्रि का समापन जहां इस महीने की शुरुआत में हो रहा है, वहीं अंत में छठ महापर्व जैसा बड़ा त्योहार मनाया जाएगा. दशहरा, करवा चौथ, दीपावली, भाई दूज जैसे पर्वों के साथ-साथ कई व्रत जैसे अहोई अष्टमी, रमा एकादशी, शरद पूर्णिमा भी इसी महीने होंगे. बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए इस महीने में कुछ न कुछ खास जरूर है.
2 अक्टूबर को दशहरा (विजयादशमी): असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक दशहरा इस बार 2 अक्टूबर को मनाया जाएगा. बुराई पर अच्छाई के प्रतीक इस त्योहार पर लोग रावण दहन करते हैं. मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था.
3 अक्टूबर को पापांकुशा एकादशी: भगवान विष्णु को समर्पित इस एकादशी पर उपवास रखने से पापों से छुटकारा मिलता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है.
4 अक्टूबर को शनि प्रदोष व्रत: भगवान शिव और शनिदेव की पूजा के लिए खास दिन है. इस दिन व्रत रखने से सभी रुके काम पूरे होते हैं.
6 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा: इस दिन को चांदनी रात में अमृत बरसाने वाला दिन कहा जाता है. लोग इस दिन खीर बनाकर चांदनी में रखते हैं और फिर प्रसाद के रूप में खाते हैं.
7 अक्टूबर को वाल्मीकि जयंती और मीराबाई जयंती: इस दिन रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि और भगवान कृष्ण की भक्त मीराबाई को याद किया जाता है.
8 अक्टूबर को कार्तिक मास की शुरुआत: धार्मिक दृष्टि से कार्तिक मास बहुत पुण्यदायक माना गया है. स्नान, दान और पूजा का विशेष महत्व होता है.
10 अक्टूबर को करवा चौथ और संकष्टी चतुर्थी: करवा चौथ पर सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं. वहीं संकष्टी चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा की जाती है.
13 अक्टूबर को अहोई अष्टमी: माएं अपने बच्चों की लंबी उम्र के लिए उपवास रखती हैं और तारों को देखकर व्रत खोलती हैं.
17 अक्टूबर को रमा एकादशी और गोवत्स द्वादशी: यह दिन लक्ष्मी पूजन का दिन है. मान्यता है कि इस व्रत को करने से जीवन में दरिद्रता दूर होती है. वहीं इसी दिन गोवत्स द्वादशी भी है, जिसमें महिलाएं गाय और बछड़े की पूजा करके परिवार में सुख-समृद्धि की कामना करती हैं.
18 अक्टूबर को धनतेरस: इस दिन धन के देवता कुबेर, भगवान धन्वंतरि और मां लक्ष्मी की पूजा होती है.
19 अक्टूबर को हनुमान जयंती: इस तिथि को व्रत और हनुमान जी की पूजा करने से जीवन से भय और संकट दूर होते हैं. श्रीरामचरितमानस, सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ करने से विशेष फल मिलता है.
20 अक्टूबर को नरक चतुर्दशी और दीपावली: भगवान कृष्ण द्वारा नरकासुर वध की याद में नरक चतुर्दशी मनाई जाती है. इसी दिन दीपावली भी है, जिसे अंधकार पर प्रकाश की जीत का दिन माना जाता है. घरों में दीप जलाए जाते हैं, और मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा होती है.
21 अक्टूबर को कार्तिक अमावस्या: पितरों के लिए तर्पण और दीपदान का खास दिन होता है. यह दिन पुण्य कमाने के लिए बहुत शुभ माना जाता है.
22 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा और अन्नकूट: भगवान कृष्ण ने इस दिन गोवर्धन पर्वत उठाकर ब्रजवासियों की रक्षा की थी. इस दिन विशेष पकवान बनाकर भगवान को अर्पित किए जाते हैं.
23 अक्टूबर को भाई दूज: बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर लंबी उम्र की दुआ देती हैं. यह दीपावली का अंतिम दिन होता है.
25 अक्टूबर को विनायक चतुर्थी: भगवान गणेश की पूजा से सभी बाधाएं दूर होती हैं और नए कामों में सफलता मिलती है.
27 अक्टूबर को छठ महापर्व: चार दिन तक चलने वाला यह पर्व सूर्य देव को समर्पित होता है. महिलाएं और पुरुष निर्जला व्रत रखकर सूर्य को अर्घ्य देते हैं. यह पर्व खासकर बिहार, Jharkhand और पूर्वी उत्तर प्रदेश में धूमधाम से मनाया जाता है.
31 अक्टूबर को अक्षय कूष्माण्ड नवमी: इस दिन माता कूष्माण्डा की पूजा से सुख, समृद्धि और सौभाग्य प्राप्त होता है. यह दिन दान और पुण्य के लिए खास होता है.
–
पीके/एएस
You may also like
Home Clean Tips- क्या हमेशा आपका घर बिखरा हुआ और गंदा रहता हैं, ऑर्गेनाइज करने के लिए अपनाएं ये टिप्स
Gas Cylinder Tips- गैस सिलेंडर फटने पर मिलता हैं इतना मुआवजा, जानिए इसका प्रोसेस
आज का मौसम 04 अक्टूबर 2025: दिल्ली-NCR में बदलेगा मौसम का मिजाज, राजस्थान के भारी बारिश का अलर्ट... वेदर अपडेट
Rajasthan weather update: प्रदेश के 27 जिलों के लिए अब जारी हुआ है ये अलर्ट, लोगों को दे दी गई है ये सलाह
2000 साल में पहली बार यहाँ` मिला` दुनिया के अंत का संकेत लोगों में बढ़ी दहशत