काठमांडू, 26 अक्टूबर . नेपाल की कार्यकारी Prime Minister सुशीला कार्की ने Sunday को अपने कैबिनेट में दो नए चेहरों को शामिल किया. पहला डॉ सुधा शर्मा गौतम का तो दूसरा बबलू गुप्ता का था. डॉक्टर शर्मा को स्वास्थ्य एवं जनसंख्या मंत्री बनाया गया. पद संभालते ही डॉ. सुधा शर्मा गौतम ने बड़ी घोषणा की.
कार्यभार संभालते हुए उन्होंने कहा कि उनका पहला निर्णय ‘जेन जी’ आंदोलन के दौरान घायल हुए लोगों को मनोवैज्ञानिक परामर्श सेवाएं प्रदान करना होगा.
नेपाल न्यूज वेबसाइट के मुताबिक मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए उन्होंने खरीद प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बनाने और भ्रष्टाचार को समाप्त करने का संकल्प लिया. उन्होंने कहा, “जेन जी आंदोलन भ्रष्टाचार के अंत और सुशासन के लिए था. इसलिए, भ्रष्टाचार की बात कहीं से भी नहीं आनी चाहिए.”
उन्होंने कहा कि देश के मौजूदा हालात को देखते हुए मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे को प्राथमिकता दी गई है. जेन जी आंदोलन में शहीद हुए लोगों के परिवारों के लिए मुफ्त स्वास्थ्य बीमा की व्यवस्था के लिए वित्त मंत्रालय के साथ मिलकर बजट व्यवस्था और अन्य प्रक्रियाओं को आगे बढ़ाया जाएगा. मंत्री शर्मा ने कहा कि चूंकि वर्तमान Government एक नागरिक Government है, इसलिए इसका मूल्यांकन केवल काम के माध्यम से ही किया जाएगा.
उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि वे पारिश्रमिक के मुद्दे पर आंदोलनकारी नर्सों की समस्याओं के समाधान के लिए पहल करेंगी. स्वास्थ्य सचिव के रूप में काम कर चुकी नवनियुक्त स्वास्थ्य मंत्री शर्मा प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ भी हैं.
Sunday को Prime Minister सुशीला कार्की के नेतृत्व वाली नेपाल की अंतरिम Government ने अपने मंत्रिमंडल में नए चेहरों को शामिल किया. Prime Minister के पास कई मंत्रालयों का कार्यभार अभी भी है.
डॉ सुधा शर्मा गौतम के अलावा सामाजिक कार्यकर्ता बबलू गुप्ता को युवा एवं खेल मंत्री नियुक्त किया गया. गुप्ता को जेन जी आंदोलन के प्रमुख चेहरों में से एक माना जाता है. दोनों ने President कार्यालय में आयोजित एक समारोह में President राम चंद्र पौडेल के समक्ष पद एवं गोपनीयता की शपथ ली.
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केआर/
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