नई दिल्ली, 19 मई . केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को दिल्ली के पूसा परिसर में आयोजित एक संवाद कार्यक्रम के दौरान पाकिस्तान और सिंधु जल संधि को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने सिंधु जल संधि को रद्द कर एक ऐतिहासिक अन्याय समाप्त कर दिया है.
शिवराज सिंह ने कहा कि पाकिस्तान यह सोच रहा था कि तुर्की और चीन के ड्रोन तथा मिसाइलों से भारत डर जाएगा, लेकिन भारतीय सेना ने उन्हें “खिलौनों की तरह” मार गिराया.
उन्होंने कहा, “आज हमारे बच्चे पाकिस्तान के मिसाइल और ड्रोन के मलबे से खेल रहे हैं.” उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि सिर्फ तीन दिन में पाकिस्तान घुटनों पर आ गया.
केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया कि जब 1960 में सिंधु जल संधि हुई थी, तब तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 80 प्रतिशत पानी पाकिस्तान को सौंप दिया और साथ में 83 करोड़ रुपए भी दिए थे, जो वर्तमान में करीब 5,500 करोड़ रुपए के बराबर है.
उन्होंने कहा कि उस समय भारत के जल विशेषज्ञों और विपक्षी नेताओं ने इस संधि का विरोध किया था. यहां तक कि अटल बिहारी वाजपेयी ने भी संसद में इसका विरोध किया था, लेकिन नेहरू ने विशेषज्ञों की बातों को दरकिनार कर देश के हितों के खिलाफ फैसला लिया था.
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि पीएम मोदी ने इस अन्याय को समाप्त किया है. अब यह पानी पाकिस्तान नहीं जाएगा, बल्कि हमारे देश के किसानों के लिए उपयोग में लाया जाएगा.
इस मौके पर उन्होंने किसानों से सीधे संवाद कर उन्हें भरोसा दिलाया कि अब भारत का पानी भारत के काम आएगा. उन्होंने दोहराया, “अपने किसानों का पेट काटकर हम अब और पाकिस्तान को पानी नहीं देंगे, जो देश में आतंकवाद फैलाने का कार्य करता है.”
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डीएससी/एकेजे
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