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'न खाना-पानी न ही वेतन,' ट्यूनिशिया में फंसे झारखंड के मजदूरों की आपबीती, सीएम सोरेन ने दिया कार्रवाई का आदेश

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New Delhi, 1 नवंबर . अफ्रीका के ट्यूनिशिया में Jharkhand राज्य के करीब 48 प्रवासी मजदूरों के फंसे होने की जानकारी सामने आई है. ये सभी मजदूर Jharkhand के हजारीबाग, गिरिडीह और बोकारो जिले के बताए जा रहे हैं. मजदूरों ने एक वीडियो जारी करके मदद की अपील की है. मामले में सीएम हेमंत सोरेन ने कार्रवाई का निर्देश दिया है.

वीडियो में मजदूर कह रहे हैं, “हम यहां बहुत खराब हालत में हैं. कंपनी ने हमारी सैलरी बंद कर दी है. खाने तक के पैसे नहीं बचे हैं. बस किसी तरह से अपने घर लौटना चाहते हैं.”

ट्यूनिशिया में फंसे मजदूरों ने दावा किया है कि उन्हें बीते चार महीने से सैलरी नहीं मिली है. मजदूरों ने यह भी कहा है कि उनसे ओवरटाइम करवाया जा रहा है.

मामले की जानकारी Jharkhand के Chief Minister हेमंत सोरेन को मिल गई है. उन्होंने उचित कार्रवाई कर श्रम विभाग के मजदूरों की मदद का निर्देश दिया है. इसके साथ ट्यूनिशिया में भारतीय एंबेसी से भी मदद करने की अपील की है.

वहीं, Jharkhand में श्रम नियोजन और कौशल विकास मंत्री संजय प्रसाद यादव ने इस मामले में कहा, “Chief Minister हेमंत सोरेन के संज्ञान के बाद, विभाग के वरीय पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं कि अफ्रीका के ट्यूनीशिया में फंसे Jharkhand के सभी 48 प्रवासी श्रमिकों की शीघ्र एवं सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जाए.”

इस मामले की एक वीडियो सामने आई है, जिसमें मजदूर अपनी आपबीती सुना रहे हैं. एक मजदूर ने कहा, “हम लोगों को India से यह बोलकर लाया गया था कि यह एक कंपनी है, लेकिन यहां आने के बाद पता चला कि ये प्रेम पावर कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड (पीपीसीएल) कॉन्ट्रैक्टर हैं. पीपीसीएल ने यह एलएमपी से कॉन्ट्रैक्ट लिया है. हम लोगों ने India में एग्रीमेंट पेपर की मांग की तो हमें बोला गया कि वहां पहुंचने के बाद मिलेगा. यहां पहुंचने के बाद कुछ नहीं मिलेगा.”

मजदूरों ने आगे कहा कि India से हमें 8 घंटे की ड्यूटी बोलकर लाया गया था, लेकिन यहां 12 घंटे ड्यूटी करवाई जा रही है. 4 महीने से सैलरी नहीं मिली है. सैलरी मांगने पर धमकी दी जा रही है कि सबको जेल करवा देंगे, India वापस नहीं जा पाओगे. हमारे पास खाने-पीने के सारे पैसे खत्म हो गए हैं. कोई सामान भी नहीं है. हम 48 मजदूर यहां फंसे हुए हैं. हमलोग वतन वापसी के लिए Jharkhand और केंद्र Government से अपील कर रहे हैं कि हमारी मदद की जाए.

केके/एएस

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