New Delhi, 18 जुलाई . केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने अमेरिका के अलाबामा प्रांत के बर्मिंघम में आयोजित 21वें विश्व पुलिस एवं अग्निशमन खेल–2025 में भाग लेकर लौटे भारतीय पुलिस एवं अग्निशमन दल के अभिनंदन समारोह को New Delhi में संबोधित किया. इस अवसर पर खुफिया ब्यूरो के निदेशक और गृह मंत्रालय के विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा) सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे.
केंद्रीय गृह मंत्री ने 21वें विश्व पुलिस एवं अग्निशमन खेल में भारतीय दल को 613 मेडल जीतने पर प्रसन्नता करते हुए शानदार प्रदर्शन कर भारत को गौरवान्वित करने के लिए भारतीय पुलिस एवं अग्निशमन दल को बधाई दी. उन्होंने कहा कि अगला विश्व पुलिस एवं अग्निशमन खेल भारत में होगा. अमित शाह ने कहा कि हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि अखिल भारतीय पुलिस बल नियंत्रण बोर्ड के अधीन सभी पुलिस बलों से कोई न कोई खिलाड़ी अगले विश्व पुलिस एवं अग्निशमन खेल में हिस्सा ले. हमारी हिस्सेदारी सर्वसमावेशी होनी चाहिए. सभी दलों को कम से कम तीन मेडल जीतने का लक्ष्य रखना चाहिए. ऐसा लक्ष्य रखने पर 613 मेडल जीतने का रिकॉर्ड स्वयं ही टूट जाएगा.
अमित शाह ने कहा कि आज भारतीय दल को 4 करोड़ 38 लाख 85 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी गई है. पहले पुलिस एवं अग्निशमन खेल को देश में बहुत महत्व नहीं दिया जाता था. लेकिन, हिस्सेदारी की दृष्टि से यह ओलंपिक और राष्ट्रमंडल खेलों के बाद विश्व का सबसे बड़ा खेल आयोजन है. इन खेलों में लगभग 10 हजार खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं, जिसकी वजह से इन खेलों में देश का अच्छा प्रदर्शन 140 करोड़ देशवासियों के लिए बहुत ही गर्व की बात है.
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि विभिन्न पुलिस बलों के खिलाड़ियों ने एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा लेकर अच्छा प्रदर्शन किया है, अब हमारा ध्यान 2029 के विश्व पुलिस एवं अग्निशमन खेल पर होना चाहिए. गुजरात में वर्ष 2029 में आयोजित होने वाले ‘विश्व पुलिस एवं फायर खेल’ में अर्जुन की तरह ही एक लक्ष्य साधकर हर खिलाड़ी पदक जीतने के लिए आगे बढ़े. विश्व पुलिस एवं अग्निशमन खेल 2025 में भारतीय दल के बहुत सारे सदस्यों ने मेडल जीते, लेकिन कई ऐसे भी हैं जिन्हें सफलता नहीं मिली. हमारे लिए सबसे बड़ी बात खेलना है, जीत और हार तो जीवन का नित्यक्रम है. जीत का लक्ष्य रखना एवं जीतने के लिए प्रयत्न करना हमारा स्वभाव होना चाहिए और जीतना हमारी आदत होनी चाहिए. जीतने की आदत से हम हमेशा उत्कृष्ट प्रदर्शन की ओर बढ़ते हैं.
उन्होंने कहा कि आगामी विश्व पुलिस एवं अग्निशमन खेल गुजरात के Ahmedabad, गांधीनगर और केवडिया में आयोजित किए जाएंगे. इन खेलों में भारतीय खिलाड़ी ऐसा प्रदर्शन करें ताकि चर्चा हो कि भारत में खेलों में बहुत संभावना है. मोदी सरकार की ओलंपिक, कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियाड का आयोजन भारत में कराने की कोशिश, जिससे खेल जनता का स्वभाव बने. 2036 के ओलंपिक खेलों के आयोजन के लिए हम दावेदारी करने वाले हैं, कॉमनवेल्थ गेम्स के आयोजन के लिए दावेदारी पेश कर चुके हैं और एशियाड के लिए भी फिर से दावेदारी कर चुके हैं. इन खेलों का आयोजन भारत में कराने की कोशिशों का मकसद यह है कि खेल हमारे देश की जनता और देश के विभिन्न वर्गों, जैसे पुलिस और फायर ब्रिगेड का स्वभाव बने.
उन्होंने कहा कि खेल जीवन का हिस्सा होना चाहिए. जो बच्चा खेलता नहीं है, वह हार से हताश हो जाता है और जो बच्चा हार कर जीत का संकल्प नहीं लेता, उसे जीतने की आदत नहीं पड़ती. सीखने की एक ही जगह है, मिट्टी, खेल का मैदान और खेल के मैदान से ही हार को स्वीकार करने की आदत और जीत को पाने का जुनून विकसित होता है. धीरे-धीरे हमारे युवाओं का यह स्वभाव बनना चाहिए. गृह मंत्री ने अखिल भारतीय पुलिस बल नियंत्रण बोर्ड से भारतीय पुलिस बलों की टीम को विश्व स्तर के कोच और बलों की मेडिकल टीमों को खेलों से जुड़े रोगों के इलाज के लिए विशेष प्रशिक्षण देने को कहा. उन्होंने कहा कि यह दोनों काम नियोजित तरीके से करने की जरुरत है और इसमें खेल मंत्रालय की तरफ से हर संभव सहयोग मिलेगा.
गृह मंत्री ने सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के महानिदेशकों से ऐसा माहौल बनाने को कहा ताकि हर पुलिसकर्मी और अधिकारी में खेल का स्वभाव विकसित हो. उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारियों की सुबह अपने अधीन अधिकारियों के साथ परेड से शुरू करनी चाहिए और शाम को उन्हें अपने अधीनस्थों के साथ खेलना चाहिए. इससे काम के तनाव से मुक्ति मिलेगी और कार्य भी बेहतर तरीके से हो सकेगा. खेल ही हमें व्यापक तरीके से सोचना सीखा सकते हैं. सभी केंद्रीय और राज्य पुलिस बलों को ऊपर से नीचे तक यह आदत विकसित करनी चाहिए. सरकार सुरक्षा बलों में खेलों को बढ़ावा देने के लिए सेवा शर्तों में ढील और भर्ती प्रक्रिया को भी इसके अनुकूल बनाने के लिए कदम उठा रही है.
अमित शाह ने कहा कि पिछले वर्ष गृह मंत्रालय ने प्रतिभा पहचान हेतु भर्ती नियमों में बदलाव, हर बल में 25 आउटडोर खेल टीमों का गठन और सीएपीएफ की संयुक्त टीम जैसी कई पहलें की हैं. प्रस्तावित राष्ट्रीय स्पोर्ट्स बिल में पुलिस बलों को राज्य स्तर पर मान्यता देने का प्रावधान किया गया है, जिससे हर पुलिस बल राष्ट्रीय खेलों में एक इकाई के रूप में भाग ले सकेगा.
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 वर्षों में खेलों के बजट में पांच गुना वृद्धि की गई है, खेलों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है. ढेर सारे नए स्पोर्टस इंफ्रास्ट्रक्चर बनाए गए हैं. टीओपीएस (टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम) के तहत लगभग 3 हजार खिलाड़ियों को 2036 के ओलंपिक खेलों की तैयारी के लिए अभी से 50 हजार रुपए प्रतिमाह देकर उनकी ट्रेनिंग की व्यवस्था की जा रही है. फिट इंडिया मूवमेंट के जरिए भी खिलाड़ियों की चयन प्रक्रिया का अच्छा परिणाम आया है, जिससे ओलंपिक, पैरालंपिक, एशियाड खेलों में मिलने वाले पदकों की संख्या तीन गुना बढ़ी है.
गृह मंत्री शाह ने उम्मीद जताई कि 2036 के ओलंपिक की पदक तालिका में भारत टॉप-5 में होगा. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार खेलों को गांव-गांव तक पहुंचा रही है और हर खेल में बच्चों का चयन और ट्रेनिंग वैज्ञानिक ढंग से की जा रही है. इसके साथ ही देश में अब खेल के लिए बहुत अच्छा माहौल बन रहा है.
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पीएसके/एएस
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