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मध्य प्रदेश: प्रवर्तन निदेशालय ने भोपाल में धन शोधन मामले में की कार्रवाई, कई स्थानों पर छापे

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Bhopal , 7 अक्टूबर . Enforcement Directorate (ईडी) ने धन शोधन मामले में Bhopal में बड़ी कार्रवाई की है. ईडी ने 3 अक्टूबर को Madhya Pradesh के Bhopal , विदिशा, कटनी और छतरपुर जिलों में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत कई तलाशी अभियान चलाए.

यह तलाशी अभियान जनपद पंचायत सिरोंज के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) शोभित त्रिपाठी और अन्य संदिग्धों के खिलाफ सात स्थानों पर चलाया गया. इस कार्रवाई के दौरान संपत्ति के दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और अन्य आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई. साथ ही, शोभित त्रिपाठी और उनके सहयोगियों के 21.7 लाख रुपए के बैंक खाते और म्यूचुअल फंड फ्रीज कर दिए गए.

ईडी ने यह जांच आर्थिक अपराध शाखा, Bhopal द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर शुरू की, जिसमें शोभित त्रिपाठी और अन्य पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत आरोप लगाए गए थे. जांच में पता चला कि त्रिपाठी ने अपने पद का दुरुपयोग कर डेटा एंट्री ऑपरेटरों योगेंद्र शर्मा और हेमंत साहू के साथ मिलकर Madhya Pradesh Government की विवाह सहायता योजना में बड़ी गड़बड़ी की. योजना के तहत 2019 से नवंबर 2021 तक 5923 संदिग्ध विवाहों के नाम पर लगभग 30.18 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी की गई.

ईडी की जांच से सामने आया कि त्रिपाठी ने जाली दस्तावेज तैयार किए और पोर्टल पर फर्जी जानकारी अपलोड कर निर्माण श्रमिकों के लिए आवंटित धन को अपात्र व्यक्तियों के बैंक खातों में हस्तांतरित किया. इस धन को बाद में एटीएम के जरिए कई किश्तों में निकाला गया और त्रिपाठी, उनके परिवार और संबंधित व्यक्तियों के खातों में जमा किया गया.

अपराध से प्राप्त आय को बेदाग दिखाने के लिए त्रिपाठी ने अपने रिश्तेदारों और उनके व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के खातों का उपयोग किया. इस राशि का उपयोग विभिन्न भुगतानों, शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड और अचल संपत्तियों में निवेश के लिए किया गया. ईडी ने इस मामले में गहन जांच शुरू की है और आगे की कार्रवाई जारी है.

एससीएच/डीएससी

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