मिर्जापुर, 7 अप्रैल . उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर की रहने वाली इंद्रवती देवी की जिंदगी में अदाणी फाउंडेशन के ‘विजन केयर प्रोग्राम’ ने एक नई रोशनी दी है. मिर्जापुर जैसे ग्रामीण जिलों में नेत्र देखभाल की सुविधाएं अक्सर बहुत सीमित होती हैं, खासकर महिलाओं के लिए. सामाजिक और सांस्कृतिक सीमाओं के साथ ही आर्थिक बाधाओं और स्वास्थ्य सेवाओं तक सीमित पहुंच के कारण कई महिलाएं जीवनभर कमजोर दृष्टि के साथ संघर्ष करती रहती हैं. इस चुनौती को अगस्त 2024 में शुरू हुए अदाणी फाउंडेशन के ‘विजन केयर प्रोग्राम’ ने अवसर में बदलने का काम किया है.
इंद्रवती देवी कमजोर दृष्टि से पीड़ित थीं. पहले उनके गांव में नेत्र चिकित्सा की सुविधाएं कम थीं, लेकिन अदाणी फाउंडेशन का ‘विजन केयर प्रोग्राम’ इंद्रवती देवी के लिए उम्मीद की किरण बना. वह बताती हैं कि फाउंडेशन के शिविर में पहुंचना आसान था और यहां पर डॉक्टर भी मददगार थे. यहां तक कि जांच के बाद एक जोड़ी नया चश्मा भी दिया गया, वह भी फ्री.
महिला का कहना है कि अब अपने बच्चों की पढ़ाई देख पाती हैं, रसोई का काम बिना किसी परेशानी के कर लेती हैं.
‘विजन केयर प्रोग्राम’ न केवल नेत्र परीक्षण की सुविधा देता है, बल्कि जरूरतमंदों को मुफ्त चश्मे भी उपलब्ध कराता है. अब तक मिर्जापुर में 23 हजार से ज्यादा लोग इस सेवा से लाभान्वित हो चुके हैं. इनमें स्कूल जाने वाले बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग शामिल हैं.
गांवों की महिलाएं जो पहले धुंधली दृष्टि के कारण सिलाई, रसोई या खेतों के काम में कठिनाई महसूस करती थीं, अब न केवल काम बेहतर कर पा रही हैं, बल्कि अपने परिवार की जिम्मेदारियों को निभाने में भी ज्यादा सक्षम हो गई हैं.
अदाणी फाउंडेशन द्वारा समर्थित स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को भी इस कार्यक्रम के माध्यम से ट्रेनिंग और स्वास्थ्य जागरूकता प्रदान की जा रही है, जिससे वे अपने समुदाय में ‘दृष्टि-सेविका’ की भूमिका निभा रही हैं. दृष्टि की कमी बच्चों के शैक्षणिक प्रदर्शन को सीधा प्रभावित करती है. ऐसे में इस कार्यक्रम के माध्यम से किए गए नेत्र परीक्षण और निःशुल्क चश्मा वितरण ने हजारों बच्चों को बेहतर पढ़ाई का अवसर दिया है.
यह पहल न केवल शिक्षा को बेहतर बना रही है, बल्कि आने वाले समय में ग्रामीण साक्षरता दर को भी सकारात्मक रूप से प्रभावित करेगी. बुजुर्गों की दृष्टि समस्याएं उनके जीवन की गुणवत्ता को गंभीर रूप से प्रभावित करती हैं. ‘विजन केयर प्रोग्राम’ के माध्यम से, उन्हें न सिर्फ नेत्र परीक्षण और उपचार मिल रहा है, बल्कि आत्मनिर्भर जीवन जीने का आत्मविश्वास भी लौट रहा है.
यह पहल भारत सरकार के राष्ट्रीय अंधता एवं दृष्टिहीनता नियंत्रण कार्यक्रम के साथ समन्वय में चलाई जा रही है, जिससे इसका असर और भी गहराई से स्थानीय समाज में पहुंच रहा है. भारत के 11 राज्यों में लागू इस मॉडल के माध्यम से अब तक 1.17 लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है.
साल 1996 से अदाणी फाउंडेशन, सामाजिक कल्याण और सतत विकास के क्षेत्र में कार्यरत है. यह वर्तमान में भारत के 19 राज्यों के 6,769 गांवों में अपनी सेवाएं दे रहा है और 9.1 मिलियन से अधिक लोगों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर चुका है. शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, जलवायु और आजीविका जैसे क्षेत्रों में फाउंडेशन की पहलों का असर जमीनी स्तर पर स्पष्ट रूप से दिख रहा है.
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एसके/एबीएम
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