New Delhi, 27 अक्टूबर . ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ क्वींसलैंड और आईआईटी दिल्ली ने देश भर के छात्रों को संयुक्त शोध अध्ययन का एक विकल्प दिया है. इसके अंतर्गत विद्यार्थियों को दोनों शीर्ष संस्थानों में पीएचडी शोध का अवसर मिलेगा. पीएचडी पूरा करने पर विद्यार्थियों को क्वींसलैंड और आईआईटी दिल्ली की संयुक्त पीएचडी डिग्री प्रदान की जाएगी.
आईआईटी दिल्ली ने इस संबंध में Monday को जानकारी साझा करते हुए बताया कि क्वींसलैंड विश्वविद्यालय और आईआईटी दिल्ली के संयुक्त पीएचडी कार्यक्रम के लिए आवेदन शुरू हो गया. इस प्रोग्राम के जरिए ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ क्वींसलैंड और India के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली (आईआईटी दिल्ली) ने अपने संयुक्त पीएचडी कार्यक्रम के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं.
आईआईटी दिल्ली के मुताबिक, इच्छुक छात्र अब इस प्रोग्राम के लिए आवेदन कर सकते हैं. यह प्रतिष्ठित कार्यक्रम जुलाई 2026 सत्र से प्रारंभ होगा. इस संयुक्त पीएचडी कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यार्थियों को दोनों शीर्ष संस्थानों यानी यूनिवर्सिटी ऑफ क्वींसलैंड और आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञ शिक्षकों के मार्गदर्शन में अत्याधुनिक शोध कार्य करने का अवसर मिलेगा. इस दौरान शोधार्थियों को India और ऑस्ट्रेलिया दोनों के शैक्षणिक वातावरण में अध्ययन और अनुसंधान का अनुभव प्राप्त होगा.
आईआईटी दिल्ली का कहना है कि इस पीएचडी कार्यक्रम के लिए विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग, गणित के साथ-साथ मानविकी और सामाजिक विज्ञान जैसे विभिन्न विषयों में असाधारण प्रतिभा वाले अभ्यर्थियों से आवेदन आमंत्रित किए गए हैं. इच्छुक उम्मीदवार 7 जनवरी 2026 (Wednesday ) की शाम 7 बजे (भारतीय समयानुसार) तक ऑनलाइन माध्यम से आवेदन जमा कर सकते हैं. आवेदन के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा. संभावित आवेदकों की सुविधा के लिए कार्यक्रम से जुड़ी और अधिक जानकारी साझा की जाएगी.
जानकारी साझा करने के लिए ऑनलाइन सूचना सत्र का आयोजन भी किया जाएगा. इसके लिए नवंबर व दिसंबर में दो अलग-अलग सत्र आयोजित किए जाएंगे. इनमें अभ्यर्थियों को कार्यक्रम की संरचना, पात्रता मानदंड, आवेदन प्रक्रिया और शोध क्षेत्रों के बारे में विस्तृत जानकारी दी जाएगी.
यूनिवर्सिटी ऑफ क्वींसलैंड व आईआईटी दिल्ली संयुक्त पीएचडी कार्यक्रम India और ऑस्ट्रेलिया के बीच शैक्षणिक एवं अनुसंधान सहयोग को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है. यह पहल नवाचार, उच्च स्तरीय शोध और अंतरराष्ट्रीय साझेदारी को प्रोत्साहित करने की साझा प्रतिबद्धता को भी प्रदर्शित करती है.
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जीसीबी/डीकेपी
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