दोस्तो हिंदु धर्म में वास्तुशास्त्र का बहुत अधिक महत्व हैं, जिसके प्राचीन विज्ञान का इस्तेमाल कर आप अपने जीवन से नकारात्मकता को दूर कर सकते हैं और सकारात्मकता को जीवन में ला सकते हैं, ऐसे में बात करें घर के मंदिर की तो यह आपके जीवन पर गहरा प्रभाव डालता हैं, इसमें कुछ चीजों के रखने से जीवन में नकारात्मकता आ सकती हैं, आइए जानते हैं कौनसी हैं वो चीजें-
मृतक परिवार के सदस्यों की तस्वीरें
मंदिर में पूर्वजों या दिवंगत प्रियजनों की तस्वीरें रखने से बचें। ऐसा करने से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और घर की शांति भंग होती है।
संतों या ऋषियों के चित्र
यद्यपि ये पूजनीय होते हैं, फिर भी पारंपरिक रूप से घर के मंदिर में संतों और ऋषियों के चित्र नहीं रखे जाते हैं।
मंदिर में केवल देवताओं की मूर्तियाँ या चित्र ही पूजनीय होने चाहिए।
उग्र देवता (काली, राहु-केतु, शनि देव)
देवी काली, राहु-केतु या शनि देव जैसे उग्र देवताओं की मूर्तियाँ या चित्र रखने से बचें।
इनकी पूजा अलग-अलग विशिष्ट अनुष्ठानों के साथ की जाती है और ये घर के मंदिरों के लिए नहीं हैं।
इसके बजाय, शांतिपूर्ण वातावरण के लिए शांत और सौम्य देवताओं की मूर्तियाँ रखें।
भगवान गणेश की नृत्य करती मूर्ति
घर के मंदिर में भगवान गणेश का नृत्य करते हुए रूप नहीं रखना चाहिए।
सबसे शुभ रूप भगवान गणेश की बैठी हुई या आशीर्वाद देती हुई मूर्ति है, जो स्थिरता, ज्ञान और समृद्धि का प्रतीक है।
देवी लक्ष्मी की खड़ी मूर्ति
मंदिर में हमेशा देवी लक्ष्मी की बैठी हुई मूर्ति रखें, खड़ी मूर्ति नहीं।
बैठी हुई मूर्ति घर में धन, समृद्धि और स्थिरता का प्रतीक है।
बैठी हुई अवस्था में भगवान विष्णु की मूर्ति
बैठी हुई और शांत अवस्था में भगवान विष्णु की मूर्ति रखना अत्यंत शुभ होता है।
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