सोने पर भारी-भरकम आयात शुल्क लगाने की अफवाहों के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ कर दिया है कि गोल्ड पर कोई भी टैरिफ नहीं लगाया जाएगा। पिछले कुछ दिनों से इस तरह की अटकलों ने वैश्विक बुलियन मार्केट में उथल-पुथल मचा दी थी, जिससे सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई थीं।
हाल ही में ट्रंप प्रशासन ने कई देशों पर भारी-भरकम टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। इसी बीच वाइट हाउस के एक अधिकारी के बयान के बाद यह अटकलें तेज हो गईं कि गोल्ड भी आयात शुल्क की नई नीति में शामिल हो सकता है। नतीजतन, भारत से लेकर अमेरिका और यूरोप तक सोने के कारोबार में तेज़ी से उतार-चढ़ाव शुरू हो गया।
ट्रंप का सोशल मीडिया बयान
मंगलवार सुबह डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया पर लिखा कि गोल्ड पर किसी भी तरह का टैरिफ लगाने का इरादा नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पिछली रिपोर्ट्स और चर्चाएं निराधार थीं। इस बयान के बाद बाजार में फैली घबराहट पर कुछ हद तक ब्रेक लगा।
बीते शुक्रवार को अफवाहों के चलते सोने की कीमतें ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गई थीं। हालांकि, ट्रंप के बयान के बाद सोमवार से कीमतों में गिरावट का रुझान देखने को मिल रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि स्थिरता लौटने में अभी कुछ दिन लग सकते हैं, क्योंकि निवेशकों का भरोसा धीरे-धीरे बहाल होगा।
ग्लोबल ट्रेड पॉलिसी पर नज़र
अंतरराष्ट्रीय बाजार विश्लेषकों का कहना है कि गोल्ड टैरिफ पर यह स्पष्टता भले ही बुलियन मार्केट के लिए राहत की खबर है, लेकिन ट्रंप प्रशासन की आक्रामक व्यापार नीतियों को देखते हुए निवेशकों की सतर्कता बनी रहेगी।
बीते 5 दिनों में आया बड़ा उतार-चढ़ाव
पिछले पांच दिनों में सोने की कीमतों में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। 7 अगस्त 2025 को सोना 68,500 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ, जो पिछले दिन से थोड़ी बढ़त दर्शाता है। इसके अगले दिन यानी 8 अगस्त को कीमत में हल्की गिरावट आई और यह 68,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया। 9 अगस्त को सोने ने फिर रफ्तार पकड़ी और 68,600 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया। 10 अगस्त को कीमतों में मामूली गिरावट आई और यह 68,450 रुपये प्रति 10 ग्राम पर रहा। वहीं, 11 अगस्त को सोने का भाव बढ़कर 68,700 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया, जो सप्ताह का उच्चतम स्तर था। इस अवधि में वैश्विक बाजार में डॉलर की मजबूती, अंतरराष्ट्रीय सोने की मांग और घरेलू आर्थिक संकेतकों का असर कीमतों पर स्पष्ट रूप से दिखाई दिया। निवेशकों के लिए यह उतार-चढ़ाव सतर्क रहने का संकेत दे रहा है, खासकर उन लोगों के लिए जो अल्पकालिक मुनाफे की रणनीति अपना रहे हैं।
शुरुआती दिन (4 अगस्त) पर कीमतें गिरावट पर थीं, लेकिन दो दिन बाद (6 अगस्त) एक तेजी देखने को मिली—यह संभवतः वैश्विक बाजारों में अस्थिरता और सुरक्षित परिसंपत्तियों में निवेश बढ़ने का प्रभाव रहा है। उसके बाद 11 अगस्त को कीमत थोड़ी नीचे गिरकर ₹99,957 पर आ गई, पर यह अब भी उच्च स्तर पर बना हुआ है, जो निवेशकों में स्थिरता का संकेत है।
गोल्ड की इस चाल से यह स्पष्ट होता है कि आने वाले हफ्तों में यह धातु आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच एक सुरक्षित निवेश विकल्प बनी रहेगी—विशेषकर तब, जब वैश्विक तनाव, मुद्रास्फीति, और वित्तीय बाजारों में उथल-पुथल बनी रहे।
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