भारतीय जनता पार्टी में संगठनात्मक फेरबदल की चर्चाओं के बीच केंद्रीय कृषि मंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अचानक सुर्खियों में आ गए हैं। वजह है उनकी हाल ही में हुई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत से मुलाकात। राजनीतिक गलियारों में यह मुलाकात सीधे तौर पर बीजेपी अध्यक्ष पद के चुनाव से जोड़कर देखी जा रही है और इसके बाद चौहान का नाम संभावित उम्मीदवारों में सबसे आगे गिना जाने लगा है।
करीब दो साल बाद शिवराज सिंह चौहान और मोहन भागवत आमने-सामने बैठे। सूत्रों के अनुसार, सितंबर में पार्टी अध्यक्ष का चुनाव कराने की कोशिशें तेज़ हो चुकी हैं। 9 सितंबर को उपराष्ट्रपति चुनाव पूरा होने के बाद अध्यक्ष पद के लिए नाम पर मुहर लगने की संभावना है। कोशिश यही है कि 28 सितंबर से पहले पार्टी को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल जाए।
झंडेवालान संघ कार्यालय में हुई अहम बैठक
रविवार शाम शिवराज सिंह चौहान दिल्ली स्थित आरएसएस मुख्यालय "केशवकुंज" पहुंचे, जहां सरसंघचालक भागवत पहले से मौजूद थे। दोनों नेताओं के बीच तकरीबन 45 मिनट तक बंद कमरे में बातचीत हुई। बैठक के तुरंत बाद शिवराज सिंह चौहान सीधे दिल्ली एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए।
इससे पहले वे प्रगति मैदान के "भारत मंडपम" में आयोजित गायत्री परिवार के एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे। मंच पर उनके साथ डॉ. चिन्मय पंड्या और केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत भी मौजूद थे। वहां से सीधे वे संघ कार्यालय पहुंचे और मुलाकात पूरी करने के बाद नियोजित कार्यक्रम के लिए भोपाल लौट गए। सोमवार को वे भोपाल स्थित आईआईएसईआर (भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान) के दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेने वाले हैं।
चुनाव से पहले राजनीतिक अटकलें तेज़
बीजेपी के भीतर लंबे समय से राष्ट्रीय अध्यक्ष पद खाली पड़ा है। माना जा रहा है कि संगठनात्मक निर्णय में देरी की एक बड़ी वजह पार्टी और संघ नेतृत्व के बीच तालमेल की कमी रही है। अब जब शिवराज सिंह चौहान ने खुद संघ प्रमुख से मुलाकात की है तो इसे बदलते समीकरणों के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि बीते एक साल से अध्यक्ष पद को लेकर चर्चाएं जारी थीं, लेकिन सहमति नहीं बन पा रही थी। चौहान के अनुभव, उनकी संगठनात्मक पकड़ और संघ के साथ पुराने रिश्तों को देखते हुए उन्हें एक मज़बूत दावेदार माना जा रहा है।
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