दिल्ली के वीआईपी और बेहद सुरक्षित माने जाने वाले चाणक्यपुरी इलाके में रविवार सुबह (10 अगस्त) एक दर्दनाक हादसा हुआ। राष्ट्रपति भवन से महज दो किलोमीटर की दूरी पर एक थार एसयूवी ने दो राहगीरों को रौंद दिया। हादसा इतना भयावह था कि एक शख्स की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरा गंभीर रूप से घायल होकर अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, दुर्घटना के बाद मृतक का शव कई घंटों तक सड़क पर पड़ा रहा, जिससे वहां अफरातफरी और भारी भीड़ जमा हो गई। इस घटना ने सुरक्षा और ट्रैफिक प्रबंधन पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
नशा या लापरवाही? जांच में जुटी पुलिस
पुलिस सूत्रों का कहना है कि थार गाड़ी ने पहले एक व्यक्ति को जोरदार टक्कर मारी और फिर दूसरे को भी अपनी चपेट में ले लिया। टक्कर इतनी जोरदार थी कि वाहन का आगे का पहिया तक टूटकर अलग हो गया। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि गाड़ी चला रहा युवक ड्राइविंग के दौरान झपकी ले बैठा था। हालांकि, पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या ड्राइवर ने शराब पी रखी थी या यह महज लापरवाही थी। वाहन से शराब की कुछ बोतलें बरामद हुई हैं, जिन्हें फोरेंसिक टीम ने जब्त कर जांच शुरू कर दी है।
आरोपी ड्राइवर हिरासत में, गाड़ी उत्तर प्रदेश की
हादसे की सूचना मिलते ही चाणक्यपुरी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और 26 वर्षीय आरोपी चालक को वहीं से पकड़ लिया। यह थार गाड़ी उसके दोस्त की थी और उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद नंबर पर रजिस्टर्ड है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पूछताछ में ड्राइवर ने स्वीकार किया कि गाड़ी चलाते समय उसे नींद आ गई थी, जिसके कारण उसने नियंत्रण खो दिया। हालांकि, शराब सेवन की पुष्टि के लिए मेडिकल जांच कराई जा रही है।
पहले भी हो चुका है चालान
जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि इसी गाड़ी का 1 अगस्त को ओवरस्पीडिंग के चलते चालान हुआ था। उस समय 2,000 रुपये का जुर्माना लगा था, जिसे अब तक जमा नहीं कराया गया है। पुलिस टीम मौके पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों के बयान दर्ज कर रही है और आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है, ताकि घटना की सटीक वजह सामने आ सके। इस बीच, स्थानीय लोग भी सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
कुछ दिन पहले जोधपुर में भी हुआ था ऐसा ही हादसा
गौरतलब है कि महज चार दिन पहले, 6 अगस्त को जोधपुर के बालसमंद इलाके में रोयल्टी नाका चौराहे पर एक तेज रफ्तार और अनियंत्रित डंपर ने दो महिलाओं को कुचल दिया था। उस हादसे में एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि दूसरी गंभीर रूप से घायल हो गई थी। चाणक्यपुरी की घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि लापरवाह ड्राइविंग और तेज रफ्तार न सिर्फ ट्रैफिक नियमों की अनदेखी है, बल्कि यह सीधे-सीधे जिंदगी के लिए खतरा बन सकती है।
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