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दिल्ली स्टेशन भगदड़ में 18 की मौत, एक बैग से शुरू हुआ था हाहाकार: सरकार ने बताई असली वजह

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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर फरवरी 2025 में हुई भगदड़ की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था। अब संसद में सरकार ने इस त्रासदी की असली वजह बताई है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह हादसा उस समय हुआ जब एक यात्री के सिर से भारी बैग गिरा और प्लेटफॉर्म पर अफरातफरी मच गई। इस भगदड़ में कुल 18 लोगों की मौत हो गई, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे।

हादसे की जड़ में था गिरा हुआ बैग


रेल मंत्री ने बताया कि 15 फरवरी की रात करीब साढ़े नौ बजे प्लेटफॉर्म 14 और 15 के बीच बने फुटओवर ब्रिज पर हजारों यात्रियों की भीड़ जमा थी। प्रयागराज कुंभ के कारण लोग बड़ी संख्या में स्टेशन पर पहुंचे थे। इसी दौरान एक यात्री के सिर से भारी बैग नीचे गिर गया जिससे कुछ लोग लड़खड़ाकर गिरे और धीरे-धीरे भगदड़ की स्थिति बन गई।


सरकार द्वारा गठित उच्च स्तरीय जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में स्पष्ट किया कि हादसे का मुख्य कारण भारी बैग का गिरना था। रिपोर्ट में बताया गया कि फुटओवर ब्रिज पर यात्री अपने सिर पर बड़े बैग लेकर चल रहे थे जिससे संतुलन बिगड़ा और लोग गिरते चले गए।

ट्रॉमैटिक एस्फिक्सिया बनी मौत का कारण

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार अधिकतर लोगों की मौत दम घुटने से हुई जिसे मेडिकल भाषा में ट्रॉमैटिक एस्फिक्सिया कहा जाता है। जब भीड़ में बहुत अधिक दबाव होता है तो व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत होती है और यही इस हादसे में मौतों की वजह बनी।

भीड़ नियंत्रण में चूक की स्वीकारोक्ति

रेलवे रिकॉर्ड के अनुसार, हादसे से पहले शाम छह बजे से ही अनारक्षित टिकटों की बंपर बिक्री हो रही थी। करीब 1500 यात्रियों को प्रति घंटे के हिसाब से टिकट बेचे जा रहे थे। इस तरह रात होते-होते स्टेशन पर हजारों की संख्या में यात्री पहुंच चुके थे। जांच रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि स्टेशन पर भीड़ नियंत्रण के कुछ प्रयास जरूर किए गए थे लेकिन रात आठ बजे के बाद यात्री संख्या इतनी अधिक हो गई कि सारी व्यवस्थाएं नाकाफी साबित हुईं। सिर्फ छह बजे से रात तक करीब 7600 अनारक्षित टिकट बेचे गए जिससे स्टेशन पर जबरदस्त दबाव बन गया था।

मुंबई एलफिंस्टन हादसे के बाद सबसे बड़ा कांड


नई दिल्ली स्टेशन की यह भगदड़ 2017 के एलफिंस्टन स्टेशन हादसे के बाद सबसे बड़ा रेल हादसा बन गया। उस समय 23 लोगों की मौत हुई थी जबकि इस बार 18 जानें गईं। हादसे के बाद केंद्र सरकार और रेलवे प्रशासन पर गंभीर सवाल उठे।

सरकार ने उठाए सुधारात्मक कदम


रेल मंत्री ने संसद को बताया कि अब देशभर के 73 प्रमुख स्टेशनों पर भीड़ नियंत्रण की विशेष रणनीति लागू की जाएगी। इन स्टेशनों पर पायलट प्रोजेक्ट के तहत स्थायी होल्डिंग एरिया बनाए जा रहे हैं, जिससे लोग तब तक प्लेटफॉर्म पर नहीं जाएंगे जब तक ट्रेन न आ जाए।

नई योजना के तहत केवल कंफर्म टिकट धारकों को ही प्लेटफॉर्म तक पहुंचने दिया जाएगा। बिना टिकट और अनारक्षित टिकट वालों को स्टेशन परिसर में विशेष क्षेत्र में रोका जाएगा। अवैध रास्तों को बंद कर दिया जाएगा और सभी फुटओवर ब्रिज को चौड़ा किया जाएगा ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

एक साधारण सी चूक, जैसे सिर से बैग गिरना, कैसे एक भीषण त्रासदी में बदल सकती है, यह हादसा उसका ज्वलंत उदाहरण है। हालांकि सरकार ने अब जरूरी कदम उठाने की बात कही है, लेकिन जरूरी यह है कि इन्हें सिर्फ कागजों तक सीमित न रखा जाए बल्कि ज़मीनी हकीकत में लागू किया जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

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