हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के बाद अब जम्मू-कश्मीर में भी बादल फटने से भयावह तबाही मची है। गुरुवार को किश्तवाड़ ज़िले के चशोती गांव में अचानक बादल फटा और कुछ ही मिनटों में तेज़ पानी, पत्थरों और मलबे का सैलाब मचैल माता मंदिर यात्रा मार्ग पर टूट पड़ा। इस भीषण हादसे में अब तक 46 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें CISF के दो जवान भी शामिल हैं। करीब 200 लोग लापता बताए जा रहे हैं, जबकि 100 से अधिक लोग घायल हैं। चश्मदीद बताते हैं कि सब कुछ इतनी तेजी से हुआ कि किसी के पास खुद को बचाने का समय तक नहीं था।
लगातार चल रहा बचाव अभियान
घटना के बाद पुलिस, प्रशासन, NDRF, SDRF, सेना और स्थानीय स्वयंसेवकों ने मोर्चा संभाल लिया है। मचैल माता मंदिर के आसपास से कई श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाला गया है। घायलों में से 37 की हालत नाज़ुक है, जिन्हें जिला अस्पताल किश्तवाड़ में भर्ती कराया गया है। वहीं, 70–80 घायलों का इलाज पड्डार उप-जिला अस्पताल में चल रहा है। राहत कार्य के लिए जेसीबी मशीनें, सर्च लाइट, रस्सियाँ और अन्य उपकरण घटनास्थल पर भेजे गए हैं ताकि बड़े पत्थर, गिरे पेड़ और बिजली के खंभों को हटाया जा सके।
9500 फीट ऊँचाई पर बसे मंदिर मार्ग पर आई आपदा
मचैल माता मंदिर समुद्र तल से करीब 9500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। श्रद्धालु मोटर वाहन से केवल चशोती गांव तक ही पहुंच सकते हैं, इसके बाद 8.5 किलोमीटर का पैदल सफर करना होता है। हादसा दोपहर के वक्त हुआ, जब यात्रा पर निकले बड़ी संख्या में श्रद्धालु गांव में मौजूद थे। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रदीप सिंह के अनुसार, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। सुबह से ही बचाव कार्य जारी है, लेकिन अभी भी लगभग 200 लोग लापता हैं।”
हादसे का समय और कारण
गुरुवार को 12 बजकर 25 मिनट पर चशोती गांव के ऊपर बादल फटा। 25 जुलाई से शुरू हुई मचैल माता यात्रा 5 सितंबर को समाप्त होने वाली थी, लेकिन इस घटना ने यात्रा में खलल डाल दिया। किश्तवाड़ से करीब 90 किलोमीटर दूर स्थित इस स्थान पर भक्तों के लिए लगे लंगर में भी कई लोग फंस गए। बादल फटने से आए सैलाब ने दुकानों, एक सुरक्षा चौकी और आसपास की कई इमारतों को बहा दिया।
तबाही का पैमाना
अचानक आई बाढ़ में 16 घर, तीन मंदिर, चार पवन चक्कियां, एक 30 मीटर लंबा पुल, सरकारी इमारतें और एक दर्जन से अधिक वाहन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। सामुदायिक लंगर का रसोईघर सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ। हादसे के बाद मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने 15 अगस्त को होने वाली ‘एट होम’ चाय पार्टी और स्वतंत्रता दिवस के सांस्कृतिक कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है। राहत कार्य में तेजी लाने के लिए हर संभव संसाधन जुटाए जा रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घटना पर शोक जताया और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल व मुख्यमंत्री से बातचीत कर हर तरह की मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि NDRF की टीमें तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गई हैं और स्थानीय प्रशासन राहत एवं बचाव कार्य में जुटा है।
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