राजद (RJD) के अंदर चल रही सियासी हलचलें और विवाद अब और भी तेज हो गए हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता तेजप्रताप यादव ने अपने भाई और पार्टी के वर्तमान नेता तेजस्वी यादव के बाद अब एक और विधायक को निशाने पर लिया है। यह कदम पार्टी के भीतर सत्ता संघर्ष और फूट की चर्चा को और हवा दे रहा है।
तेजप्रताप यादव लंबे समय से राजद में अपने प्रभाव को बढ़ाने के लिए सक्रिय हैं और पार्टी के अंदर अपनी अलग पहचान बनाने की कोशिश कर रहे हैं। पिछले कुछ महीनों से तेजप्रताप ने तेजस्वी यादव के खिलाफ कई बार मुखर होकर पार्टी की रणनीतियों और नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं। हालांकि, अब उनके निशाने पर तेजस्वी के बाद एक और विधायक आया है, जिससे पार्टी की राजनीति और पेचीदा हो गई है।
राजनीतिक सूत्रों की माने तो यह विधायक पार्टी के अंदर तेजप्रताप की आलोचनाओं का सामना कर रहा है क्योंकि वह तेजप्रताप के राजनीतिक एजेन्डे के खिलाफ कुछ कदम उठा रहा था। तेजप्रताप के इस नए कदम को पार्टी के अंदर कईयों ने सत्ता की लड़ाई के तौर पर देखा है। इसके साथ ही यह भी चर्चा है कि तेजप्रताप अपने प्रभाव को पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में और मजबूत करना चाहते हैं।
राजद के वरिष्ठ नेता और पार्टी कार्यकर्ता इस अंदरूनी संघर्ष को लेकर चिंतित हैं। पार्टी के कुछ अनुभवी नेताओं का मानना है कि तेजप्रताप और तेजस्वी के बीच चल रही लड़ाई से राजद की एकजुटता पर असर पड़ सकता है, जो आगामी चुनावों के लिए बेहद नुकसानदायक साबित हो सकता है। वहीं, तेजप्रताप समर्थक इसे पार्टी सुधार का एक कदम बता रहे हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि तेजप्रताप यादव का यह कदम राजद में नेतृत्व के प्रति असंतोष और सत्ता संतुलन को लेकर उठाया गया है। पार्टी के अंदरूनी समीकरण इस समय बहुत नाजुक हैं और ऐसे में ये बयान और संघर्ष पार्टी की छवि को प्रभावित कर सकते हैं।
हालांकि, तेजप्रताप यादव ने अभी तक इस विधायक पर किए गए अपने आरोपों और बयान पर कोई खुलासा नहीं किया है। राजद के प्रवक्ता ने कहा है कि पार्टी के अंदर किसी भी तरह की असहमति को बातचीत के जरिए सुलझाया जाएगा और सभी नेताओं से अपील की जाती है कि वे एकता बनाए रखें।
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